Home पशुपालन Sheep Farming: ये 3 विदेशी नस्ल की भेड़ें बंपर कमाई के लिए हैं मशहूर, ऊन के साथ मीट की है बेहद डिमांड
पशुपालन

Sheep Farming: ये 3 विदेशी नस्ल की भेड़ें बंपर कमाई के लिए हैं मशहूर, ऊन के साथ मीट की है बेहद डिमांड

sheep farming
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. भेड़ों से भोजन और कपड़ा मिलता आ रहा है. टिकाऊ और गर्म कपड़े बनाने के लिए अभी तक और दूसरी ऐसी वस्तु नहीं निकली हैं, जिसे ऊन के स्थान पर काम में लाया जा सके. बुरे और अच्छे समय में जब भी इंसान विभिन्न प्रदेशों में जा कर बसा, उस समय उसके पौष्टिक भोजन का मुख्य साधन भेड़ें ही रही हैं. भेड़−बकरियों की तरह पेड़ की बढ़वार को कोई हानि नहीं पहुंचाती हैं. जबकि भेड़ की मेगनियों से भूमि उपजाऊ बनती हैं और इसका प्रभाव भूमि में काफी समय तक रहता है.

जहां कहीं भेड़ों का अच्छा पालन पोषण और देखभाल की जाती है वहां कृषि की उन्नति हुई है और भेड़ों के सुनहरे खुर ऐसी भूमि के लिए सौभाग्यशाली सिद्व हुए है. पालतू पशुओं में कुते को छोड़ कर और कोई पशु ऐसा नहीं है जो विभिन्न जलवायु में इतनी ज्यादा संख्या में पाया जाता हो, जितनी कि भेड़े हैं. एक अनुमान के मुताबिक विश्व में भेड़ की 200 नस्लें हैं और विभिन्न भेड़ की नस्लों को चार हिस्सों में बांटा गया है. एक बारीक ऊन वाली मेरिनों और उसकी वंशज भेड़ें, यूरोपीय और ब्रिटिश देशों की मध्यम ऊन वाली भेड़ें , ब्रिटेन की बड़ी चमकदार ऊन वाली भेड़ें और ऐशियाई देशों की कालीन जैसी ऊन वाली भेड़ें.

रेम्बोलेट की है ये पहचान: रेम्बोलेट या फॅचमेरीनो: विश्व के सभी देशों की उन्नत भेड़ों में रेम्बोलेट नस्ल का महत्वपूर्ण योगदान है 1 क्योंकि ये भेड़ें गोश्त और ऊन दोनों के लिए विकसित की गई है. रेम्बोलेट मजबूत और भारी हड्डियों वाली भेड़ है. इसके शरीर में काफी चौड़ाई और गहराई होती है. इसका वजन भी काफी होता है. शरीर सीधा होता है. पसलियां खूब उठी और भरी हुई होती हैं. पैर अच्छे सधे हुए और मजबूत होते है और ये काफी दूर चल सकती है. अमेरिका की जलवायु में रेम्बोलेट नर-भेड़ों से औसतन 15 से 25 पौंड और मादा से 10 से 18 पौंड तक ऊन प्राप्त होता है. ऊन का रेशा 12 महीने में 2.38 38 तक लम्बा हो जाता है.

ऊन बहुत अच्छा होता है: पोलवर्थ: इस नस्ल की उत्पति 1880 में आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रान्त स्थित टार्डनथार्न कूड नामक स्थान पर हुई. पोल वर्थ नस्ल की भेड़ों में 3/4 रक्त मेरीनो ओर 1/4 रक्त लिंकन नस्लों का है. इस नस्ल को विकसित करने वाले प्रजनन वैज्ञानिकों का उद्देश संभवत ऐसी भेड़ें पैदा करना था जो ऐसे जलवायु में आसाानी से पनप सकें, जो मेरीनो भेड़ों के लिए बहुत नम व ठंडा था. इन भेड़ों के आकर में काफी एकरूपता होती है. इसके ऊन काफी घने और 58 काउन्ट की होती है. ऊन मे रेशे की लम्बाई वर्ष भर में बढ़कर 4 इंच तक हो जाती है. आंखें स्वच्छ, चेहरा मुलायम और हल्का गुलाबी होता है. कुछ भेड़ों के सीग होते है और कुछ सींग रहित भी होती है.

मजबूत नस्ल मानी जाती है: कारीडेल: नस्ल की भेड़ ये अपेक्षाकृत नई नस्ल है. इसकी उत्पति सबसे पहले न्यूजीलैंड में और फिर आस्ट्रेलिया में हुई. इस नस्ल में दोनो गुण मौजूद हैं. यह ऊन तथा मीट दोनों के लिए अच्छी रहती है. यह संकर नस्ल, लम्बी ऊन वाली भेड़ों और मेरीनों के संयोग से उत्पन्न हुई. न्यूजीलैंड में यह नस्ल सन 1874 में तैयार की गई. तथा आस्ट्रेलिया के विक्टारिया प्राप्त में 1882 में कारीडेल में दोनों गुणों का समावेश है. अर्थात इससे एक वर्ष में प्रति भेड़ औसतन 10 पौड ऊन मिल जाती है. जो 50-58 काउन्ट का होती है. इस नस्ल में ज्यादातर जुड़वा मेमने पैदा होते हैं तथा यहां तुलनात्मक रूप से तगड़ी होती है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

The Central Government has notified the Animal Birth Control Rules, 2023 in supersession of the Animal Birth Control (Dogs) Rules, 2001 to strengthen the implementation of the animal birth control programme.
पशुपालन

Animal News: ‘अगर इस तरह के कदम उठाए जाएं तो इंसानों के साथ कुत्तों को भी किया जा सकता है सेफ’

उन्होंने कहा कि ये मामले हमें रोकथाम, प्रतिक्रिया और जागरूकता की उन...

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,
पशुपालन

Animal Husbandry: बाढ़ की स्थिति में कैसे करें पशुओं के लिए चारा प्रबंधन, एक्सपर्ट ने बताया तरीका

ये जानकारियां बेहद ही अहम हैं, जिससे आपको इस मुश्किल घड़ी में...

goat farming sheep farming
पशुपालन

Flood: बाढ़ के दौरान बकरियों के झुंड और भेड़ों को बीमारियों से बचाने के लिए उठाएं ये जरूरी कदम

अगर बकरियों का फूट-एंड-माउथ डिजीज और हीमोरेजिक सेप्टिसीमिया के खिलाफ टीकाकरण नहीं...

livestock animal news
पशुपालन

Animal News: पशुपालन में शुरुआती इलाज जानना है क्यों जरूरी, जानें यहां

आमतौर पर दुर्घटनाओं में बकरी द्वारा जहर खा लेना, डायरियाम, अत्यधिक रक्तसाव,...