नई दिल्ली. सांप के काटने के मामले में अगर सही समय पर उपचार नहीं मिले है तो सांप काटने से व्यक्ति की मौत भी हो जाती है. सांप का जहर खून में घुलकर शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचता है जिससे खून बहना, मांसपेशियों में कमजोरी और अटैक जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. जहर से लंग्स, दिल, गुर्दा और दिमाग जैसे अंग भी प्रभावित हो सकते हैं. सांप काटने से शरीर पर कई प्रकार के बुरे असर पड़ते हैं. सांप के काटने वाली जगह पर बहुत ज्यादा दर्द होता है और वहां सूजन आ जाती है. कई बार तो काटे गए हिस्से को काटना पड़ जाता है. देश में सांप काटने की घटनाएं काफी होती हैं.
सांप के काटने में सबसे ज्यादा प्रभावित कृषि कर्मचारी और बच्चे होते हैं. बच्चों का शरीर छोटा होता है. इसलिए सांप के काटने का उन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. आज बात कर रहे हैं सांपों के करैत प्रजाति के बारे में. इस आर्टिकल के जरिए आपको जानकारी दे रहे हैं कि करैत सांप कितना जहरीला है और ये कितना जहर छोड़ सकता है. सांप के काटने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? ये भी आप यहां जानिए.
केवल 3 मिलग्राम जहर ही है काफी: करैत सांप एक बार में कुल 8-20 मिलीग्राम जहर शरीर में छोड़ता है. इंसानी जान लेने के लिए उसका केवल 3 मिलीग्राम जहर ही बहुत है. एंटीवेनम सांप के काटने के विष के प्रणालीगत प्रभावों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए एकमात्र विशिष्ट मारक है. एंटीवेनम पॉलीवेलेंट और मोनोवेलेंट प्रकार के हो सकते हैं. देश में अभी इस्तेमाल किया जाने वाला एंटीवेनम पॉलीवेलेंट प्रकार का है. यह सभी चार आम विषैले सांप प्रजातियों के खिलाफ प्रभावी है.
सांप के काटने पर होता है ये असर: गैरविषैले सांप के काटने से घाव के आसपास सूजन और खुजली होती है. जहरीले सांप के काटने पर काटे गए जगह पर दर्द, नींद आना, सांस लेने में परेशानी, पलकों का बंद होना शामिल है. नेक्रोसिस (शरीर के कोषिकाओं की मृत्यु) पक्षाघात के साथ मुंह से झाग का आना और कुछ भी निगलने में परेशानी होती है.
सांप काटे तो करें ये काम: सांप के काटने पर इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर का उपयोग करके निकटतम स्वास्थ्य सेवा सुविधा तक त्वरित परिवहन की व्यवस्था करें. रोगी के प्रभावित अंग के आस-पास की सभी तंग वस्तुओं को हटा दें. रोगी को उसके करवट (अधिमानतः बाईं ओर) लिटाएं और प्रभावित अंग की हरकत कम करें. सांप के काटने के स्पष्ट सबूत जैसे दांत के निशान और सूजन के लक्षण देखें.
ये ना करें
- सांप के काटने पर रोगी के घाव को चीरने, काटने वाली जगह से जहर चूसने, रक्तस्राव को रोकने की पट्टी बांधने या जड़ी-बूटियां लगाने जैसी प्रथाओं से बचें.
- यदि ब्लीडिंग को रोकने की पट्टी को लंबे समय तक छोड़ दिया जाता है, तो इससे गैंगरीन हो सकती है.
- सांप को न छुएं या उसे फंसाने की कोशिश न करें.
- एक मरा हुआ सांप या कटा हुआ सिर भी रिफ्लेक्स गतिविधि के कारण कई घंटों तक काट सकता है.
- जब तक डॉक्टर द्वारा निर्धारित न किया जाए, तब तक व्यक्ति को उत्तेजक या दर्द निवारक दवाएं न दें.
- सांप के काटने वाली जगह को व्यक्ति के हृदय के स्तर से ऊपर न उठाएं.
- सांप के काटने के बाद व्यक्ति को कुछ भी खाने या पीने को न दें.
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