नई दिल्ली. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (आईवीआरआई) में डा. सोहिनी डे ने ज्वाइंट डायरेक्टर कैडराड का कार्यभार संभाल लिया है. इस दौरान संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने बधाई आशा जताई की उनके पद पर आने से आईवीआरआई के रिसर्च कार्यों में और ज्यादा गति आएगी. बता दें कि डॉ. सोहिनी डे का जन्म कोलकाता में हुआ था, उन्होंने अपनी बीवीएससी और एएच की डिग्री बीसीकेवी, पश्चिम बंगाल से पूरी की थी. मद्रास वेटरनरी कॉलेज, तनुवास से मास्टर और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की और यूनिवर्सिटी से चार गोल्ड मेडल हासिल किए हैं.
साल 2000 में वैज्ञानिक के रूप में एआरएस सेवा में शामिल हुईं और पशु जैव प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता रखती हैं. डॉ. डे को प्रतिष्ठित आईसीएआर जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार, उत्कृष्ट महिला वैज्ञानिक पुरस्कार, श्यामा सिंह और बालमती देवी मेमोरियल पुरस्कार, बॉयकास्ट फेलोशिप पुरस्कार आदि सहित कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त है.
3 भारतीय पेटेंट मिले हैं
उन्होंने एनएएसएफ, डीबीटी, डीएसटी, बीआईआरएसी द्वारा प्रायोजित दस प्रतिस्पर्धी अनुदान परियोजनाओं को संभाला था. प्रमुख अन्वेषक के रूप में. नए टीकों और निदान के विकास में उनकी विशेषज्ञता के कारण तीन निदानों का व्यावसायीकरण हुआ और मुर्गियों के संक्रामक बर्सल रोग के खिलाफ देश में पहले पुनः संयोजक टीके को उद्योग में ट्रांसफर किया गया. उनकी रिसर्च टीम को तीन भारतीय पेटेंट प्रदान किए गए हैं.
यहां पढ़ें उनकी उपलब्धियां
डॉ. सोहिनी डे ने डीबीटी ओवरसीज फेलोशिप के तहत यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, यूएसए में और बॉयकास्ट फेलोशिप के साथ वैक्सीन डेवलपमेंट पर ओआईई रेफरेंस लेबोरेटरी, द पिरब्राइट इंस्टीट्यूट, यूनाइटेड किंगडम में पोस्टडॉक्टरल ट्रेनिंग हासिल किया था. उन्होंने 12 मास्टर और पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन किया है और सहकर्मी द्वारा समीक्षा की गई पत्रिकाओं में कई प्रकाशन किए हैं और कई पुस्तक अध्याय, किताबें, लोकप्रिय लेख, मोनोग्राफ और प्रशिक्षण मैनुअल लिखे हैं. उन्होंने आईसीएआर प्रायोजित शीतकालीन स्कूलों का भी आयोजन किया था और एसएयू और आईसीएआर संस्थानों के वैज्ञानिकों और सहायक प्रोफेसरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए थे.
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