Home मीट Meat के लिए बेहतरीन हैं इस नस्ल की बकरियां, बकरीद पर 50 हजार रुपये तक बिकते हैं बकरे
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Meat के लिए बेहतरीन हैं इस नस्ल की बकरियां, बकरीद पर 50 हजार रुपये तक बिकते हैं बकरे

sojat goat breed
सोजत बकरी की प्रतीकात्मक तस्वीर.

सोजत बकरी की नस्ल का नाम राजस्थान के पाली जिले के सोजत तहसील के नाम पर रखा गया है. सोजत बकरी का पालन खासतौर पर मांस उत्पादन के लिए किया जाता है. क्योंकि मीट उत्पादन के मामले में सोजत बकरी अच्छी नस्लों में शुमार की जाती है. इस नस्ल को भारत में अधिकांश लोग पसंद करते हैं. क्योंकि इसका मीट बहुत ही स्वादिष्ट होता है. खासतौर पर बकरीद के त्योहार पर कुर्बानी के लिए इस बकरा—बकरी को खूब पसंद किया जाता है. मीट का उत्पादन करने वाली बकरियों की नस्ल में सोजत बकरी की नस्ल का व्यवसाय दिन बा दिन लोकप्रिय होता जा रहा है.

दो बच्चों को जन्म देती है
एक आंकड़े के मुताबिक भारत में मीट वाली बकरी की नस्लों की मांग सबसे ज्यादा हो रही है. वहीं भारत के हर राज्य में सोजत बकरी की नस्ल पाई जाती है. सोजत की पहचान की बात करें तो यह सफेद रंग की और शरीर पर इसके काले रंग के धब्बे होते हैं. सोजत बकरी का वजन 60 किलो ग्राम और मादा बकरी का वजन 50 किलोग्राम तक होता है. नर की लंबाई 80 सेंटीमीटर और मादा की लंबाई 78 सेंटीमीटर तक होती है. दूध उत्पादन के लिए सोजत बकरी को अगर देखा जाए तो ये प्रतिदिन एक से डेढ़ लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है. अच्छे तैयार हो चुके सोजत बकरे की कीमत 50 हजार रुपये तक होती है. जबकि इनकी शुरुआती कीमत 5000 से शुरू होती है. सोजत बकरी खास तौर पर फलोदी, सोजत, जोधपुर और पिपर राजस्थान में पाई जाती है.

इस तरह करें पहचान
एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर कोई बकरी पालक या किसान भाई मांस वाली बकरी का पालन करना चाहें तो उनके लिए सोजत बकरी सबसे अच्छा विकल्प होगी. इनकी पहचान कई तरह से की जा सकती है. सोजत बकरी के शरीर का रंग सफेद या गुलाबी होता है. ये नस्ल खूबसूरत और शुद्ध दिखाई देती है. इसके कान लंबे होने के कारण नीचे की तरफ लटके रहते हैं. सींग नहीं होती है. इनका वजन 3 से 12 महीने के बीच 130 प्रति ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ता है. यह बकरियां पतली और छोटी पूंछ वाली होती है. बकरे का वजन 50 से 60 किलो और बकरी का 40 से 50 किलो होता है.

हर राज्य में पाई जाती है ये बकरी
गोट्स एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस बकरी का पालन भारत का कोई भी किसान कर सकता है. क्योंकि इस नस्ल की बकरी भारत के हर राज्य में पाई जाती है. इस बकरी की यह भी खासियत है कि यह हर तरह के वातावरण ठंडी हो या गर्मी आसानी से एडजस्ट कर लेती है. यह स्थानीय बाजार में भी बहुत आसानी से मिल जाती है. इस नस्ल की बकरी दूध की पैदावार तो कम करती है लेकिन मीट के लिए बेहतरीन होती है. सोजत बकरी एक से डेढ़ साल में दो बच्चों को जन्म दे देती है. कभी-कभी ट्रिपल बच्चे भी जन्म देती है. जुड़वा बच्चे देना आम बात है. नस्ल बढ़ाने के लिए भी इससका पालन किया जाता है. इसके बच्चा जन्म के वक्त दो ढाई किलो तक का होता है.

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