Home पशुपालन Sheep Farming: इन 5 बातों का रखें ख्याल, भेड़ पालन में मिलेगा मुनाफा ही मुनाफा, जानिए यहां
पशुपालन

Sheep Farming: इन 5 बातों का रखें ख्याल, भेड़ पालन में मिलेगा मुनाफा ही मुनाफा, जानिए यहां

गोट एक्सपर्ट का कहना है कि एक से तीन महीने के बीच मेमना पालन की बात की जाए तो पहले महीने में शरीर का वजन सात किलोग्राम होता है.
कोयंबटूर नस्ल की भेड़ की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. भेड़ ऐसा पशु हैं जिनसे सदियों से इंसानों को भोजन व कपड़ा मिलता आ रहा है. टिकाऊ और गर्म कपड़े बनाने के लिए अभी तक और दूसरी ऐसी वस्तु नहीं निकली हैं, जिसे ऊन के स्थान पर काम में लाया जाता है. जबकि भेड़ की मेगनियों से भूमि उपजाऊ बनती हैं और इसका प्रभाव भूमि में काफी समय तक रहता है. भेड़ पालन मीट के लिए भी किया जाता है. इसका मीट बेहद ही पौष्टिक होता है. भेड़ बकरियों की तरह पेड़ की बढ़वार को कोई हानि नहीं पहुंचाती हैं.

एक अनुमान मुताबिक विश्व में भेड़ की 200 नस्लें हैं और विभिन्न भेड़ की नस्लों को चार हिस्सों में बांटा गया है. एक बारीक ऊन वाली मेरिनों और उसकी वंशज भेड़ें, यूरोपीय और ब्रिटिश देशों की मध्यम ऊन वाली भेड़ें, ब्रिटेन की बड़ी चमकदार ऊन वाली भेड़े और एशियाई देशों की कालीन जैसी ऊन वाली भेड़ें. भेड़ पालन के दौरान अगर भेड़ पालक अगर कुछ बातों का ख्याल रखें तो उन्हें खूब फायदा मिलेगा. आइए इस ​आर्टिकल में कुछ बातों जानते हैं.

इन बातों का रखें ख्यालः

  1. पानी की नांद: भेड़ों के स्वेच्छानुसार पानी पीने के लिए पानी की नांद का होना आवश्यक है. भेड़ों को किटाणु रहित स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाना चाहिए. नांद को समय-2 पर साफ करें तथा माह में एक बार पानी में चूना डालें. ताकि पानी साफ रहे और भेड़ों को कैल्शियम मिले.
  2. चारा, दाना के लिए पात्र: भेड़ों को चराई के अतिरिक्त बाड़े में भी चारा दाना देने की आवश्यकता होती है. चारे दाने के पात्रों को थोड़ी ऊंचाई पर रखना चाहिए. ताकि चारे दाने की हानि न हो व भेड़े उसमें मल मूत्र न कर सकें. एक व्यस्क भेड़ को खाने के लिए 40-50 सेमी व बच्चे के लिए 30-35 सेमी स्थान की आवश्यकता होती है.
  3. भण्डार गृह: भेड़ आवास के साथ-साथ भण्डार गृह होना भी आवश्यक है. जिसमें चारा, दाना और अन्य आवश्यक वस्तुएं रखी जा सकें.
  4. डिपिंग टैंक: बाड़े के आसपास भेड़ों को नहलाने के लिए जल कुण्ड (डिपिंग टैक) का होना अति आवश्यक है. जिससे कि भेड़ों को कम से कम वर्ष में दो बार नहलाया जा सके और उन्हें बाह्य परजीवियों से छुटकारा मिले.
  5. खुर स्नान: बाड़े के प्रवेश द्वारा पर पांच फुट चौड़ा चार फुट लम्बा व छह इंच गहरा पक्का खुर स्नान का स्थान होना चाहिए. जिसको वर्षा के पूर्व के दिनों में दवा (नीला थोथा) के पानी से भरकर भेड़ों को उससे अन्दर व बाहर भेजना चाहिए जिससे खुर पकने की शिकायत दूर होगी.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

बहुत से लोग बकरी को घर के आंगन में और छत पर भी पालकर कमाई कर लेते हैं.
पशुपालन

Goat Shed Tips In Summer: भीषण गर्मी में ऐसे रखे बकरी का बाड़ा कूल कूल

बहुत से लोग बकरी को घर के आंगन में और छत पर...

पशुपालन

BASU: कुपलति बोले- बिहार पशु विज्ञान यूनिवर्सिटी पशुपालन में दूर करेगी टेक्निकल मैनपावर कमी

बोले कि डेयरी उत्पादों के प्रसंस्करण, मुर्गी पालन और मत्स्य पालन के...

ऑक्सीटोसिन पशुओं के लिए तो नुकसानदायक है ही. इसको लगाने के बाद निकाला गया दूध भी इंसानी शरीर के लिए खतरनाक होता है.
पशुपालन

Oxytocin: बेहद खतरनाक है ऑक्सीटोसिन, जानिए दुधारू पशुओं में क्या होते हैं नुकसान

ऑक्सीटोसिन पशुओं के लिए तो नुकसानदायक है ही. इसको लगाने के बाद...