नई दिल्ली. बारिश का सीजन चल रहा है और जगह-जगह बारिश हो रही है. ऐसे में पशुओं को और ज्यादा देखरेख की जरूरत है. खासतौर पर बछड़ों की तो ज्यादा केयर करनी चाहिए. क्योंकि जो अभी बछिया है, आगे चलकर वो दुधारू पशु बनेंगे. इसलिए शुरू से उनकी देखभाल करनी चाहिए. एक्सपर्ट का कहना है कि बारिश के मौसम में बछड़ों और बछियों की देखभाल करने में सबसे अहम काम ये है कि बरसात के दिनों में बछड़ों को बाहर नहीं ले जाना चाहिए. क्योंकि बछड़े और बछियों के शरीर में ज्यादा पानी होने की वजह से उन्हें कई दिक्कतें हो सकती हैं.
एक्सपर्ट का कहना है कि बारिश के दिनों में पशुओं के बच्चों को तनाव का खतरा होता है. इसलिए बछड़ों को गर्मी पैदा करने और ठंड के झटके से बचाने के लिए कपड़े पहना सकते हैं और दूध ज्यादा पिलाया जा सकता है. वहीं 3 माह की उम्र के बच्चों को कृमिनाशक दवा दी जानी है. इससे अधिक आयु वाले बछड़े को छह महीने तक बीक्यू और एचएस बीमारियों के खिलाफ टीका लगाया जाना है.
फिसलन रहित फर्श
वहीं बारिश के दिनों में शेड का फर्श फिसलन वाला नहीं होना चाहिए. फिसलन को कम करने वाली कंक्रीट वाला फर्श बारिश के मौसम के लिए बेहतर है. फर्श उचित होना चाहिए. वर्षा के पानी को बहने की व्यवस्था होना चाहिए. बरसात के मौसम में सूखी बिस्तर सामग्री उपयुक्त होती है. यदि फर्श गीला है और चिलर, तो जानवर असहज महसूस कर सकता है और शरीर के सामान्य तापमान को बनाए रखने के लिए ऊष्मा उत्पादनअधिक ऊर्जा खर्च कर सकता है. इसलिए बरसात के मौसम में उपयुक्त सूखी बिस्तर सामग्री उपलब्ध कराने की आवश्यकता होती है.
बारिश का पानी आने से रोकें
बारिश के मौसम में सूखा चारा सूखा धान का भूसा या मोटा जूट का बोरा या पशुओं का गद्दा है. पशुओं के लिए बिस्तर सामग्री के रूप में ये चीजें बहुत ही उपयुक्त हैं. उपयुक्त के साथ लकड़ी का बेस तैयार करवाएं. बरसात के मौसम में ठंडे फर्श से बचने के लिए इसकी ऊंचाई एक और विकल्प है. प्लास्टिक की जाली या उपयुक्त डिजाइन और ऊंचाई वाले प्लेटफॉर्म का उपयोग फर्श के रूप में भी किया जाता है. बरसात के मौसम में जानवर. पशु शेड के जल निकासी चैनल से मदद मिलेगी शेड के फर्श में बारिश के पानी को आने से रोकें.
बकरी का भी रखें ध्यान
जरूरत के मुताबिक और क्वालिटी वाला पानी उपलब्ध कराने की जरूरत होती है. बरसात के मौसम में जानवर को पीने का पानी साफ, पीने योग्य और होना चाहिए और ये आसानी से उपलब्ध होना चाहिए. बरसात के मौसम में पानी में मिट्टी या रेत मिल जाती है. इसलिए आपूर्ति से पहले पानी को छानना, कीटाणुरहित करना और गर्म करना बेहतर है. बरसात शुरू होने के बाद, मध्य और अंत में कृमि मुक्ति का कार्य करना चाहिए. एक सप्ताह के बाद, पेस्टे डेस पेटिट्स जुगाली करने वालों के खिलाफ टीका लगाएं. (पीपीआर) रोग और 1 महीने के बाद, एंटरोटॉक्सिमिया (ईटी) के खिलाफ टीकाकरण करें. बरसात के मौसम में बकरियों को खुर की समस्या हो जाती है. सफाई सप्ताह में दो बार खुरों को चूने से मलने से खुरों के छालों की समस्या कम हो सकती है.
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