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Poultry: मुर्गियों से हेल्दी चूजे चाहिए तो इन 6 बातों का रखें खास ख्याल, हर बात है अहम

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पोल्ट्री फॉर्म में चूजे. live stock animal news

नई दिल्ली. भारत में कृषि के अलावा अब बड़े पैमाने पर पशुपालन, मछली पालन और मुर्गी पालन किया जा रहा है. बहुत से किसान मुर्गी पालन करके अच्छी खासी आमदनी कम रहे हैं. जिस जगह मुर्गी पाली जाती है, उन्हें पोल्ट्री फार्म कहते हैं. यहां पर अच्छी व्यवस्था होना बहुत जरूरी होता है. ताकि अंडे सेने से लेकर चूजे पैदा होने के समय तक मुर्गियों की बिक्री होने का पूरा कौशल इसमें शामिल होता है. जबकि मुर्गियों से स्वस्थ चूजे होना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए हमें कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए.

बेशक मुर्गी पालन एक मुनाफे का सौदा है लेकिन अगर सटीक जानकारी पोल्ट्री फार्मर्स को नहीं हुई तो नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. यदि नुकसान से बचना चाहते हैं तो जरूरी है कि मुर्गी पालन से जुड़ी तमाम जानकारी पहले से ही कर ली जाए. ताकि फायदा ही हो नुकसान ना उठाना पड़े.

अंडे की क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए
मुर्गी जो अंडे देती है, उसके चुनाव से पहले अंडों की आंतरिक गुणवत्ता का परीक्षण होना जरूरी है. गांव में जहां बिजली उपलब्ध है वहां पर केलिंग लैंप द्वारा अंडों की रोशनी के सामने रखकर अंडों की आंतरिक गुणवत्ता का परीक्षण किया जा सकता है. अंडे की जर्दी मध्य भाग में होनी चाहिए. दो जर्दी वाले अंडे, मांस या खून के धब्बे वाले अंडे या बड़े वायु कोष वाले अंडों का चुनाव नहीं करना चाहिए.

अंडों की उम्र क्या होना चाहिए
गर्मी में चूजे निकालने के लिए प्रयोग में लिए जाने वाले अंडे तीन से चार दिन से ज्यादा पुराने नहीं होने चाहिए. सर्दियों में 7 दिन पुराने अंडे को सेने के लिए मुर्गियों के नीचे रखा जा सकता है. जैसे-जैसे अंडा पुराना होता चला जाता है उसमें चूजे निकालने की संभावना भी कम होती चली जाती है. अंडे ताजा हैं या पुराने, इसकी जांच के लिए एक बाल्टी में पानी भरकर उसमें अंडों को डालना चाहिए. नीचे बैठ गये अंडे ताजा और पानी के ऊपर तैरने वाले अंडे पुराने माने जाते हैं.

अंडा साफ है या नहीं
सेने के लिए अंडे साफ होने भी बेहद जरूरी है. गंदे अंडे के प्रयोग सेने के लिए नहीं करना चाहिए. गंदगी अगर कम है तो उसे कपड़े से साफ करने के बाद प्रयोग में ला सकते हैं. अंडे की गंदगी साफ करने के लिए कभी भी उसे पानी से रगड़कर साफ नहीं करें. ऐसा करने से अंडे में छेद हो जाते हैं और चूजा उत्पादन दर पर असर पड़ता है.

उत्तम नस्ल के अंडे
अच्छी नस्ल के चूजे प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि अंडे भी उत्तम नस्ल के मुर्गियों से प्राप्त किए जाएं. अंडो का उपयोग चूजे से निकालने के लिए किया जाना चाहिए. ताकि पोल्ट्री फार्म पर मुर्गियों की नस्ल में सुधार किया जा सके और अधिकतम उत्पादन हासिल किया जा सके.

मुर्गियों की क्या उम्र है
मुर्गी सामान्य 5 माह की आयु में अंडा उत्पादन शुरू कर देती है लेकिन जिन मुर्गियों के सेने के लिए अंडे हासिल करना है उनकी उम्र 8 महीने से कम और 18 माह से ज्यादा नहीं होना चाहिए. साथ इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि 6 से 8 मुर्गी समूह में एक नर जरूर हो. ताकि जीवन युक्त अंडे मिल सकें. अंडे में भ्रूण का विकास अच्छा हो अंडों से ज्यादा स्वस्थ चूजे मिलें. इसके लिए जरूरी है कि प्रजनन के काम आने वाली मुर्गी और मुर्गियां स्वस्थ हों और उन्हें संतुलित आहार दिया जा रहा हो.

अंडो का भंडारण भी जरूरी है
हर दिन प्राप्त अंडों को सेने के लिए उपयोग करने तक ठंडी और नमी वाली जगह पर सुरक्षित भंडारण होना चाहिए. सेने के लिए चुने गये अंडे का भंडारण 16 से 17 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान और 7 फ़ीसदी नमी वाली जगह पर 3 से 7 दिनों तक चूजा दर प्रभावित किए बिना किया जा सकता है. चुने गए अंडों पर मुर्गी बैठ जाए बैठा देनी चाहिए. ताकि अधिक से अधिक चूजे प्राप्त किया जा सके और भंडारण की समस्या भी कम हो.

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