Home पशुपालन गधे पालकर आप भी बन सकते हैं करोड़पति, जानिए यू बाबू के ‘The Donkey Palace’ की कहानी
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गधे पालकर आप भी बन सकते हैं करोड़पति, जानिए यू बाबू के ‘The Donkey Palace’ की कहानी

You too can become a millionaire by rearing donkeys, know the success story of U Babu, livestockanimalnews
द डोंकी पैलेस में अपने गधों के साथ यू बाबू. photo: livestockanimalnews

दिल्ली. गोट फार्म, पोल्ट्री फार्म, भैंस फार्म आदि के बारे में तो सुना होगा लेकिन क्या कभी गधा फार्म के बारे में सुना है. नहीं तो आज हम आपको इस बारे में बता रहे हैं. अभी तक लोगों ने गधों को सिर्फ बोझा ढोने के लिए ही पालने की बातें सुनी थी लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि गधों को पालकर भी लाखों रुपये की कमाई की जा सकती है. गधी का दूध अन्य पशुओं के दूध से कई गुना ज्यादा महंगा बिकता है. ऐसा हो भी रहा है. हम जिस कहानी या फार्म के बारे में बात कर रहे हैं वो दक्षिण भारत के तमिलनाडु में हैं. गधी के दूध की मांग को देखते हुए तमिलनाडु में वन्नारपेट के यू बाबू ने देश का सबसे बड़ा गधा फार्म शुरू किया. आज इससे लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. अब गधी के दूध से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.

आईसीएआर की ली मदद
गधी का दूध अन्य पशुओं के दूध से कई गुना ज्यादा महंगा बिकता है. इसका इस्तेमाल कास्मेटिक आइटम में प्रयोग किया जाता है. इसी गधी के दूध की मांग को देखते हुए तमिलनाडु में वन्नारपेट के यू बाबू ने देश का सबसे बड़ा गधा फार्म शुरू किया. आज गधी के दूध को बेचकर वे लाखों रुपये महीने की कमाई कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि इस यू बाबू ने देश का सबसे बड़ा गधों का फार्म खोला है, जिसका नाम रखा है ‘दो डोंक पैलेस’ जो अन्य फार्म से अनोखा है. गधा पालन में आईसीएआर-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र मदद कर रहा है. इस वक्त यू बाबू के फार्म में 5 हजार से ज्यादा गधे हैं. सबसे बड़ी ये है कि यू बाबू ने पूरे देश में इस फार्म की अब तक 75 फ्रेंचाइजी खुल चुकी हैं.

ऐसे कर सकते हैं गधे का व्यापार
अगर आप गधों का व्यापार करना चाहते हैं तो इसमें कम पैसों में इसे शुरू किया जा सकता है. महज एक से दो लाख रुपये लगाकर ये फार्म खोला जा सकता हैं. बता दें कि इस वक्त गधी की दूध का डिमांड कॉस्मेटिक कंपनियों में बहुत ज्यादा है. इससे बना साबुन और फेसपैक बाजार में इन दिनों खूब बिक रहा है.

स्कूल ड्रॉपआउट के भी बने बड़े उद्योगपति
यू बाबू स्कूल ड्रॉपआउट थे लेकिन उन्होंने इस अपनी कमजोरी नहीं मना बल्कि आगे और मजबूती के साथ आगे बढ़े. बाबू का आत्मविश्वास और आगे बढ़ने की लगन से उन्हें सफलता के लिए प्रेरित किया, जिसके कारण वे दूध आपूर्ति उद्योग में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बनकर उभरे. यू. बाबू, एक संपन्न उद्यमी, भारत के सबसे बड़े गधों के फार्म की स्थापना और कुछ कॉस्मेटिक निर्माण कंपनियों के लिए मादा गधे के दूध के आपूर्तिकर्ता के रूप में जाने जाते हैं जबकि उन्होंने एक छोटे व्यापार से शुरू किया था.

ऐसे किया सफल उद्यमी के रूप में स्थापित
बाबू की टीम ने नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्वाइन्स (एनआरसीई) के उद्योमिता विकास कार्यक्रम में भाग लिया, जहां गधों को पालने के बारे में तकनीकी जानकारी हासिल की. भाकृअनुप-एनआरसीई ने श्री बाबू को गधा फार्म ‘द डोंकी पैलेस’ स्थापित करने के लिए कुलीन पोटू गधों की एक खास नस्ल को पालने की सुविधा भी प्रदान की. तमिलनाडु में गधों की सीमित संख्या से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, प्रत्येक दूध देने वाली मादा गधे छह महीने तक प्रतिदिन एक लीटर से कम दूध देने में सक्षम है, उनके दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का लाभ मिला और इसके माध्यम से उन्होंने खुद को एक सफल उद्यमी के रूप में स्थापित किया.

फ्रेंचाइजी भी देते हैं यू बाबू
यू बाबू न सिर्फ गधों का फार्म खोला बल्कि अब वो गधा फार्म हाउस के लिए फ्रेंचाइजी भी देते हैं. यही वजह है कि यू बाबू ने 75 से अधिक फ्रेंचाइजी फार्मों के साथ इसके फ्रैंचाइजी मॉडल के माध्यम से करीब 5000 गधों का प्रबंधन करते हुए भारत के सबसे बड़े गधों के फार्म के मालिक बन गए हैं. द डोंकी पैलेस के उत्पादों में मादा गधे का ताजा दूध, इसके दूध का मिल्क पाउडर, गधे का गोबर उर्वरक के रूप में प्रयोग जाता है. सिद्ध दवाओं और फार्मा उद्योग के लिए आसुत गधे का मूत्र का उपयोग किया जाना है. यू बाबू की दृष्टि से देसी गधों की नस्ल को संरक्षित करना, उनकी स्थिति को बढ़ाना, गधों का संरक्षण तथा समाज में गधों की निराशावादी धारणा को खत्म करना है.

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