Home मछली पालन Fisheries: मीडियम फिश ​फीड मिल खोलने के लिए सरकार दे रही है लाखों रुपये, ऐसे उठाएं योजना का फायदा
मछली पालन

Fisheries: मीडियम फिश ​फीड मिल खोलने के लिए सरकार दे रही है लाखों रुपये, ऐसे उठाएं योजना का फायदा

fish farming in pond
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. सरकार की ओर से मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजना में सरकार की तरफ से मीडियम फिश फीड मिल की योजना भी चल रही है. जिसकी उत्पादन क्षमता 8 टन प्रतिदिन होगी. अगर आप मछली पालन के काराबोर से जुड़े हैं तो मीडियम फिश फीड मिल को खोलकर फिश फार्मिंग में अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. जिसके जरिए मछली पलकों को फीड बेच सकेंगे. इससे आपको मोटा मुनाफा होगा. अगर आप भी ये काम करना चाहते हैं और योजना का फायदा उठाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें, अहम बताएंगे कि कैसे योजना का फायदा ले सकते हैं.

बता दें कि यह केंद्रीय प्रायोजित स्कीम है और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत इसे देशभर में चलाया जा रहा है. जिसके तहत मीडियम फिश फीड मिल लगाने के लिए आपको आर्थिक मदद मिलती है. इसकी उत्पादन क्षमता 8 टन प्रतिदिन होगी. सरकार की ओर से एक करोड़ रुपए प्रति यूनिट इसकी लागत तय की गई है. प्रोजेक्ट कॉस्ट पर 40 फीसदी अनुदान सामान्य वर्ग के लोगों को मिलेगा, जबकि 60 फीसदी अनुदान अनुसूचित जाति और महिला वर्ग के लोगों को दिया जाएगा.

इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
इस योजना का फायदा उठाने के लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी. जिसमें जन्म प्रमाण पत्र, मतदाता कार्ड, जन्मतिथि प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, हाई स्कूल का सर्टिफिकेट और जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा जारी देना होगा. वहीं हरियाणा के निवासियों का मत्स्य विभाग के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट साइन होगा. जो कोई भी फिश फार्मिंग ट्रेनिंग लिया होगा, उसे ही इस योजना का फायदा मिलेगा. जहां पर फिश फीड मिल लगाई गई उस भूमि का रिकॉर्ड, जमाबंदी नकल आदि देना होगा. बिल वाउचर रसीद भी देना जरूरी है. जब फिश फीड में खुल जाए तो उसके साथ लाभार्थी को अपना फोटो भी लगाना होगा. इसके अलावा बैंक की खाते की और पैन कार्ड की डिटेल भी देनी होगी.

मछली किसानों को देना होगा फीड
अगर आप योजना का फायदा लेना चाहते हैं तो कुछ शर्तों को भी मानना होगा. डीपीआर में इस बात की जानकारी देनी कि होगी कि बुनियादी सुविधाओं की सभी परिचालक रखरखाव और निर्माण के बाद की तमाम प्रबंध लागत लाभ पाने वाले मछली किसान खुद ही वहन करेगा. फिश फीड मिल को चालू स्थिति में रखा जाएगा. वहीं सरकार द्वारा आर्थिक मदद पाए फिश फीड मिल बनाने वाले कारोबारी को फीड की आपूर्ति मछुआरों और मछली किसानों को सस्ती कीमत पर करनी होगी.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

State Fisheries Officials provided updates on the status, progress, and key challenges in promoting inland saline and shrimp aquaculture.
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शुरू की योजना, पढ़ें इसके फायदे

जिससे इनका संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ-साथ मत्स्य उत्पादकता तथा किसानों के...

The Department of Fisheries organized the Startup Conclave 2.0 to promote innovation in the fisheries sector.
मछली पालन

Fish Farming: मछली के शरीर पर है लाल रंग का धब्बा तो हो जाएं अलर्ट, इस खतरनाक बीमारी का है ये लक्षण

इस रोग से प्रभावित होने वाली प्रमुख प्रजातियां गरई, भाकुर, रोहू, कवई,...

fish farming in pond
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन की इस योजना का फायदा उठाकर शुरू करनें अपना बिजनेस

बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही है तमाम योजनाओं में...