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Fish Farming: हर साल बढ़ रहा है लोन लेकर मछली पालन करने वालों का आंकड़ा, पढ़ें राज्यवार नंबर

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन करके किसान अपनी इनकम बढ़ा रहे हैं. जबकि सरकार भी चाहती है कि किसान कृषि के अलावा पशुपालन, मछली पालन या फिर पोल्ट्री फार्मिंग करें. ताकि उनकी आमदनी का जरिया दोहरा हो जाए. बात की जाए मछली पालन की तो सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए कई सारी योजनाएं भी चला रही है. जिसका फायदा उठाकर किसान मछली पालन शुरू कर सकते हैं और बेहतर कमाई कर सकते हैं. एक्सपर्ट की मानें तो एक एकड़ के तालाब में मछली पालन करके 5 लाख रुपये तक की कमाई की जा सकती है.

अब किसान भी इस बात को समझने लगे हैं कि कृषि के अलावा एक दूसरा काम भी करना जरूरी है. तभी तो किसान, मछली पालन और पशुपालन करना शुरू कर चुके हैं. सरकार की ओर से योजनाओं का फायदा लेकर मछली पालन करने वाले किसानों की संख्या में इजाफा हुआ है. देश के लगभग हर राज्य में इसमें बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. जिसका आंकड़ा सरकार की ओर से जारी किया गया है.

कितना KCC जरी किया गया
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2018-19 में, भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा मत्स्य किसानों और मछुआरों तक बढ़ाई. ताकि उनकी पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में उन्हें मदद मुहैया कराई जा सके. भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 फरवरी 2019 के एक लेटर के जरिये से फिशरीज क्षेत्र में केसीसी जारी करने हेतु दिशानिर्देश जारी किए थे. यही वजह है कि 8 नवंबर 2024 तक मछुआरों और मत्स्य किसानों को 2810.00 करोड़ रुपए क्रेडिट राशि के साथ कुल 4 लाख 39 हजार 493 KCC जारी किए गए हैं.

57 हजार करोड़ रुपये किये जारी
जानकारी के मुताबिक साल 2014-15 से KCC क्रेडिट लोन (मात्स्यिकी क्षेत्र केसीसी सहित) के लिए कुल बजटीय आवंटन और वितरण, जैसा कि कृषि और किसान कल्याण विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2014 से रिपोर्ट किया गया है. इसके अलावा, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने बताया कि गत तीन वित्तीय वर्षों 2021-22, 2022-23 और 2023-24 में मात्स्यिकी क्षेत्र को कुल 57 हजार 864.40 करोड़ रुपए का लोन दिया गया है. जिसमें मात्स्यिकी क्षेत्र KCC का कार्यशील पूंजी लोन भी शामिल है.

किस राज्य में कितना जारी हुआ लोन
केसीसी लोन के तहत 21 करोड़ रुपए दिल्ली में मछली फार्मर्स को जारी किए गए हैं. वहीं हरियाणा में 2198 करोड़, हिमाचल प्रदेश में 385 करोड़, जम्मू कश्मीर में 146 करोड़, पंजाब में 3675 करोड़, राजस्थान में 1178.31 करोड़, चंडीगढ़ में 3.8 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. वहीं लद्दाख में 45.92, अरुणाचल प्रदेश में 13.82, असम में 272.56, मणिपुर में 71.57, मेघालय में 4.75, मिजोरम में 57.6, नागालैंड में 7.32, सिक्किम में 4.63, त्रिपुरा में 143.88, अंडमान निकोबार दीप समूह में 98.72, बिहार में 932.74, झारखंड में 453.63, उड़ीसशा में 1630.39, पश्चिम बंगाल में 2866.50, छत्तीसगढ़ में 267.8, मध्य प्रदेश में 848.67 और उत्तर प्रदेश में 1308.27 करोड़ रुपये लोन के तौर पर दिये गये. इसके अलावा गोवा में 238.12, गुजरात में 2254.86, महाराष्ट्र में 24 16.74, दादरा नगर हवेली केंद्र शासित प्रदेश में 0.50, दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश में 130.37, आंध्र प्रदेश में 9454.18, तेलंगाना में 3751.19 कर्नाटक में 3186.90, केरल में 6995.84, पांडुचेरी में 152.33, तमिलनाडु में 12500.67 और लक्षद्वीप केंद्र शासित प्रदेश में 6.26 करोड़ रुपये जारी किये गये.

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