नई दिल्ली. भारत डेयरी सेक्टर में हर रोज एक नई इबारत लिख रहा है. दूध उत्पादन के मामले में पहले ही देश विश्व में नंबर वन है. विश्व के कुल दूध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 24 फीसद है. युवाओं के लिए नौकरी के मौके भी खूब खुल रहे हैं. लेकिन डेयरी प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट को कैसे बढ़ाया जाए इस पर चर्चा जारी है. दूसरी ओर फूड और डेयरी प्रोसेसिंग में फूड सेफ्टी, क्वालिटी और टिकाऊपन पर भी चर्चा हो रही है. इसी को देखते हुए अक्टूबर में ही बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में इंटरनेशनल डेयरी कांफ्रेंस (IDC) का आयोजन किया जा रहा है.
इस कांफ्रेंस का आयोजन एसोसिएशन ऑफ फूड साइंटिस्ट एंड टेक्नोलॉजिस्ट इंडिया (AFSTI) और इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) मिलकर कर रहे हैं. इस कांफ्रेंस में देश ही नहीं विदेश के डेयरी एक्सपर्ट भी हिस्सा लेंगे. ये कांफ्रेंस दो दिन चलेगी. कांफ्रेंस के दौरान 6 अलग-अलग सेशन होंगे, जिसमे डेयरी सेक्टर और उससे जुड़ी टेक्नोलॉजी पर बात होगी. यूनिवर्सिटी का एग्रीकल्चर साइंस इंस्टीट्यूट भी इस आयोजन में शामिल है.
कांफ्रेंस के दौरान इन विषयों पर होगी चर्चा
कांफ्रेंस के दौरान प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी और टिकाऊ पैकेजिंग, फूड और डेयरी प्रोसेसिंग में एग्रीटेक-बॉयोटेक के शामिल होने, वेस्ट और बायोमॉस के मूल्याकंन, एडवांस बायो प्रिजर्वेशन टेक्निक, फूड और डेयरी प्रोडक्ट पर ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर का प्रभाव और एडवांस फूड एनालिसिस टेक्नोलॉजी के तहत बायोसेंसर और नैनोटेक्नोलॉजी जैसे 6 विषयों पर गहन चर्चा होगी.
कांफ्रेंस में कौन-कौन ले रहा है हिस्सा
कांफ्रेंस से जुड़े आयोजकों की मानें तो दो दिन की इस इंटरनेशनल डेयरी कांफ्रेंस में अकादमिक फैक्ल्टी, विदेशी डेलिगेट्स, डेयरी सेक्टर से जुड़े लोग, यूजी-पीजी लेवल के छात्र, पीएचडी, जेआरएफ और एसआरएफ के रिसर्च वाले छात्र-छात्राएं इस कांफ्रेंस में हिस्सा ले रहे हैं. इस मौके पर एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. गौरतलब रहे हाल ही में बनास डेयरी ने बनारस में अपने एक मिल्क प्लांट की शुरुआत की है. जिसकी क्षमता 5 लाख लीटर दूध प्रोसेसिंग की है. जहां आइसक्रीम, पनीर, दही, लस्सी, मिठाई आदि बनेंगी. डॉ. आरएस सोढ़ी का कहना है कि एक लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग पर 6 हजार नए लोगों की जरूरत होती है.
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