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Poultry: बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के दौरान मुर्गियों को दी जानी चाहिए ये दवाएं, बीमारी नहीं आएगी करीब

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. घर-आंगन में मुर्गी पालन करना एक बेहद ही फायदेमंद सौदा है. बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के जरिए आप बहुत कम लागत में इनकम को बढ़ा सकते हैं. इस तरह के मुर्गी पालन की ये भी खासियत है कि घर की महिलाएं भी इसे कर सकती हैं. महिलाएं घर का काम करने के साथ-साथ मुर्गियों को भी पाल सकती हैं. बस जरूरत इस बात की है कि घर में इतनी जगह हो कि, जहां पर मुर्गियां आसानी से पल सकें. इसमें मुर्गियां खुद ही अपना भोजन तलाश लेती हैं. वहीं घर-आंगन के वेस्ट जैसे कीड़ों को खाकर अपना पेट भरती हैं.

वहीं महिलाएं रसोई घर से निकले वेस्ट को भी मुर्गियों के आगे डाल देती हैं, जिससे भी मुर्गियों का पेट भर जाता है, उन्हें जरूरत के मुताबिक फीड मिल जाता है और इसके बदले में मुर्गियां प्रोटीन से भरपूर अंडे और मांस का उत्पादन करती हैं. हालांकि इसके साथ ही उनका ख्याल रखना भी जरूरी होता है. इसलिए हर मुर्गीपालक को इस बारे में जानकारी होनी चाहिए कि मुर्गियों को पालने के दौरान कुछ दिक्कते आती हैं. ऐसे में मुर्गियों के लिए एक्सपर्ट कुछ दवाएं देने को कहते हैं, जिनके बारे में नीचे जिक्र किया जा रहा है. आइए डिटेल में जानते हैं.

  1. इलेक्ट्रोलाइट्स और ऊर्जा
    एक दिन के चूज़ों के तनाव व डिहाड्रेशन से बचाव और तत्काल ऊर्जा देने करने के लिए, इलेक्ट्रोलाइट्स (2 ग्राम प्रति लीटर पानी में, ग्लूकोज़ 80 ग्राम प्रति लीटर पानी में दिया जाना चाहिए.
  2. एंटीमाक्रोबियल दवाएं
    शुरुआती बैक्टीरिया संक्रमण को रोकने के लिए 2 से 6 दिनों तक के चूजों को एंटीमाक्रोबियल दवाओं के जरिए जैविक उपचार की आवश्यकता होती है.
  3. विटामिन
    पाचन और सामान्य शरीर की स्थिति में सुधार के लिये 7 से 11 दिन तक विटामिन प्रदान करें.
  4. ​डीवार्मिंग
    आर 2 बी टीकाकरण के एक दिन पहले, मुर्गियों को लेवॉमिसोल के साथ 1 ग्राम प्रति लीटर दिया जाना चाहिये. मुक्त क्षेत्र / नीचे पर पाली जाने वाली मुर्गियों को 2-3 महीने के अंतराल पर नियमित रूप से डीवार्मिंग की आवश्यकता होती है.
  5. तनाव कम करने के लिए दवाएं
    यह सलाह दी जाती है कि तनाव कम करने के लिए दवाएं दी जाएं. 10 मिलीलीटर/100 मुर्गियों को दिया जा सकताा है.
  6. ये दवाएं भी दें
    किसी भी बैक्टीरिया, कॉक्सेडियल और माइकोप्लास्मल संक्रमण को रोकने के लिए एंटीमाक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल दवाएं 50 ग्राम / 100 किलो फ़ीड के साथ दी जानी चाहिये.
  7. कीड़ों के लिए
    बाहरी कीड़ों जूं और घुन को नियंत्रित करने के लिये पोल्ट्री परिसर में दवाओं का छिड़काव करना चाहिए.

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