नई दिल्ली. भारत के सीफूड को दुनिभाभर के कई देशों में पसंद किया जाता है. इस वजह से हजारों मीट्रिक टन सीफूड एक्सपोर्ट किया जाता है. बात की जाए कि सबसे ज्यादा क्या एक्सपोर्ट होता है तो इसमें फ्रोजन मछली सबसे आगे नजर आएगी. बजबकि दूसरी सबसे बड़ी निर्यात की गई चीज है, जिसकी कीमत 5,509.69 करोड़ रुपये यानि (671.17 मिलियन अमेरिका डॉलर रही है जो मात्रा के हिसाब से 21.42 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर के हिसाब से आय 9.09 प्रतिशत रही है. इस वर्ष, फ्रोजन मछली के निर्यात में मात्रा और वैल्यू के हिसाब से 3.54 प्रतिशत और 0.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हालांकि, अमेरिकी डॉलर के हिसाब से इसमें 2.31 प्रतिशत की गिरावट आई है.
मछली और झींगा-फूड और चारा-गैर-फूड सूखे आइटम, निर्यात बास्केट में तीसरी सबसे प्रमुख चीज है. जिसने 3684.79 करोड़ रुपये यानि 449.17 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की आय प्राप्त की थी. यह मात्रा के हिसाब से 15.89 प्रतिशत और डॉलर आय के हिसाब से 6.08 प्रतिशत रही, जो मात्रा, मूल्य और अमेरिकी डॉलर के हिसाब से 15.99 प्रतिशत, 34.07 प्रतिशत और 31.52 प्रतिशत की इजाफे को दर्शाती है. इस समूह में 2,83,019 मीट्रिक टन निर्यात किया गया. इस समूह में देखी गई इकाई मूल्य वृद्धि 13.38 प्रतिशत थी.
फ्रोजन स्क्विड का कितना है एक्सपोर्ट
चौथी सबसे बड़ी निर्यात वस्तु फ्रोजन स्क्विड ने 3061.46 करोड़ रुपये (373.40 मिलियन अमेरिकी डॉलर) प्राप्त किए, जिसका मात्रा में 5.25 प्रतिशत और डॉलर आय में 5.06 प्रतिशत हिस्सा था. मात्रा के लिहाज से फ्रोजन स्क्विड के निर्यात में 11.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई. पांचवें सबसे महत्वपूर्ण स्थान पर सुरीमी और सुरीमी एनालॉग्स का निर्यात 1,35,327 मीट्रिक टन रहा जो मात्रा के लिहाज से 4.12 प्रतिशत बढ़ा और 2,414.43 करोड़ रुपये (294.43 मिलियन अमेरिकी डॉलर) कमाया.
इस फूड में 47 की हुई ग्रोथ
छठे सबसे प्रमुख स्थान पर फ्रोजन कटलफिश का निर्यात रहा, जिसका मूल्य 54,316 मीट्रिक टन रहा, जिसकी कीमत 2252.63 करोड़ रुपये (274.62 मिलियन अमेरिकी डॉलर) थी, जो मात्रा के हिसाब से 3.05 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर आय के हिसाब से 3.72 प्रतिशत थी. सातवें सबसे प्रमुख स्थान पर ठंडी वस्तुओं का निर्यात, जिसे एक आशाजनक क्षेत्र माना जाता है, में भी मात्रा के हिसाब से 47.06 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर के हिसाब से 8.66 प्रतिशत की वृद्धि हुई. आठवें सबसे बड़े निर्यात आइटम फ्रोजन ऑक्टोपस ने 62.17 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त किए, इसके बाद मछली का तेल (58.51 मिलियन अमेरिकी डॉलर), जीवित आइटम (48.61 मिलियन अमेरिकी डॉलर), सूखे खाद्य पदार्थ (37.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर), फ्रोजन लॉबस्टर (33.67 मिलियन अमेरिकी डॉलर) और फिश मॉज़ (16.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का स्थान रहा.
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