Home पशुपालन Disease: इस मामूली लापरवाही से पशुओं को हो जाती है गंभीर बीमारी, नहीं ठहरता है गर्भ, पढ़ें इलाज
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Disease: इस मामूली लापरवाही से पशुओं को हो जाती है गंभीर बीमारी, नहीं ठहरता है गर्भ, पढ़ें इलाज

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन में पशुपालकों की इस मामूली लापरवाही की वजह से पशुओं को कई खतरनाक बीमारी होने का खतरा हो जाता है. इसलिए हमेशा ही बड़ी ही सावधानी के साथ पशुओं की देखरेख करना चाहिए. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशुओं को प्रजनन के समय या फिर प्रजनन के बाद ऐसे स्थान पर रखने से जहां गंदगी हो तो पशु के प्रजनन अंगों में योनि द्वार से बैक्टीरिया इंटर कर जाते हैं. इसके चलते पशुओं को कई तरह के रोग हो जाते हैं. जिससे पशु प्रजनन नहीं कर पाते हैं.

एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो ऐसे पशु की जब तक कोई इलाज नहीं करवाया जाता तो उनको गर्भ नहीं ठहरता है. आइए आगे जानते हैं कि प्रजनित पशुओं को गंदगी में बांधने से आमतौर पर कौन-कौन सही बीमारी हो जाती है.

गर्भाशय में रसी (मवाद) होना
पशु के योनि के ऊपरी हिस्से से बैक्टीरिया प्रवेश कर जाने के कारण गर्भाशय में बीमारी फैल जाती है और उसमें मवाद पड़ जाती है. इस कारण से मादा पशु गर्मी में तो आते हैं लेकिन मवाद के कारण गर्भित नहीं हो पाते हैं. इस रोग के इलाज के लिए यह जरूरी है कि पशुपालक भाई अपने पशुओं को नजदीकी पशु चिकित्सालय में ले जाकर पशु चिकित्सक से योनि द्वार में दवा डलवाएं और चिकित्सक की सलाह के मुताबिक बीमार पशु की चिकित्सा करवाएं. इस प्रकार की बीमारी से पीड़ित पशु की चिकित्सा बीमारी की गंभीरता को देखते हुए तीन से 10 दिन तक कराना जरूरी होता है.

बच्चेदानी का बाहर आ जाना
कई बार जब पशु ब्याता है तो बच्चेदानी में बीमारी की वजह से ब्याने के बाद पूरा गर्भाशय बाहर निकल आता है. जिससे दुधारु पशुओं में भयंकर तकलीफ पैदा हो जाती है. कई बार इस तकलीफ से पशु मर भी जाता है, इसलिए जब कभी पशु ऐसी तकलीफ में आ जाए तो उसे नजदीकी पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सक को दिखा कर इसका इलाज कराएं. जिससे पशु की जान बच सके.

योनि में सूजन की समस्या
पशुओं को गंदी जगह बांधने के कारण या योनि स्थान को साफ नही रखने के कारण मादा पशु के गर्भाशय में बैक्टीरिया की एंट्री हो जाती है. जिससे योनि द्वार पर सूजन आ जाती है. वहीं गर्भाशय की झिल्लियों लाल हो जाती हैं. जिसके कारण पशु योनि द्वार में जलन महसूस करता है. इसके चलते बार-बार पेशाब करता है. गर्भ धारण नहीं कर पाता है. ऐसे पशुओं को नजदीकी पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सक की मदद से बैक्टीरिया को खत्म करने वाली दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए. जिससे बीमार पशु का उपचार हो सके.

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