नई दिल्ली. अब पशुपालकों को दूध बेचने के लिए कंपनियों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. एक ऐसे वाहन को तैयार कर लिया गया है जो पशुपालकों के घर पर ही दूध इकट्ठा करने के लिए जाएगा और वहीं पर टेस्टिंग भी हो जाएगी. मोबाइल मिल्क कलेक्शन और कूलिंग सिस्टम प्रोटोटाइप वाहन एनडीडीबी, सुजुकी और आईडीएमसी लिमिटेड द्वारा इस वाहन को तैयार किया गया है. एनडीडीबी और आईडीएमसी लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. मिनेश शाह, सुजुकी आर एंड डी सेंटर इंडिया प्रा. लिमिटेड (एसआरडीआई) के निदेशक केनिचिरो टोयोफुकु ने आणंद एनडीडीबी से मोबाइल दूध संग्रह और कूलिंग सिस्टम को ग्रीन सिग्नल दिखाया है.
बताया गया कि इसे देश में पहली बार लद्दाख में चालू किया जाएगा. जो पशुपालकों के घर से दूध एकत्रित करेगा. एनडीडीबी, सुजुकी और आईडीएमसी लिमिटेड द्वारा तैयार किये गये मोबाइल मिल्क कलेक्शन और कूलिंग सिस्टम प्रोटोटाइप वाहन पशुपालको के दरवाजे पर स्वचालित परीक्षण की सुविधा प्रदान करेगी. आईडीएमसी के 300 एल. बीएमसी को मारुति सुजुकी सुपर कैरी वाहन पर लगाया गया है, जिसका संचालन व्हीकल के इंजिन से होता है. वाहन पर एक डेटा-प्रोसेसर आधारित दूध संग्रह इकाई (डीपीएमसीयू) भी स्थापित की गई है, जो 100 वाट के सौर पैनल से चलेगा है.
आईडीएमसी ने किया है डिजाइन
एनडीडीबी और आईडीएमसी लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. मिनेश शाह और सुजुकी आर एंड डी सेंटर इंडिया प्रा. लिमिटेड (एसआरडीआई) के निदेशक केनिचिरो टोयोफुकु ने आणंद में एनडीडीबी, एसआरडीआई और एनडीडीबी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आईडीएमसी लिमिटेड द्वारा डिजाइन और विकसित मोबाइल दूध संग्रह और कूलिंग सिस्टम को हरी झंडी दिखाई. इस अवसर पर एनडीडीबी के कार्यकारी निदेशक, आईडीएमसी लिमिटेड के एमडी और बनास डेयरी के एमडी उपस्थित थे. मोबाइल दूध संग्रहण एवं कूलिंग सिस्टम को हरी झंडी दिखाने के बाद डॉ. मिनेश शाह ने कहा कि, ‘इस विचार की संकल्पना ग्रामीण परिवहन के तहत एसआरडीआई के परामर्श से एनडीडीबी द्वारा की गई थी और आईडीएमसी द्वारा विकसित किया गया था.
बनी रहेगी दूध की गुणवत्ता
उन्होंने यह भी कहा कि इस नई प्रकार की प्रणाली पशुपालको के दरवाजे पर स्वचालित परीक्षण की सुविधा प्रदान करेगी, जो निष्पक्ष और पारदर्शी दूध संग्रह को सक्षम करेगी. दूध की गुणवत्ता बनाए रखेगी और साइट पर कूलिंग द्वारा इसकी शेल्फ-लाइफ को बढ़ाएगी. इससे दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले चरवाहों के लिए एक सुनियोजित दूध खरीद प्रणाली सुलभ हो जाएगी और विशेष प्रकार के दूध जैसे गाय का दूध, ऊंटनी का दूध आदि का प्रबंधन भी कुशलतापूर्वक किया जा सकेगा. उन्होंने आगे बताया कि इस प्रणाली को पायलट आधार पर डिजाइन और विकसित किया गया है और इसका उपयोग सबसे पहले लद्दाख मिल्क फेडरेशन द्वारा किया जाएगा.’
300 लीटर है इसकी क्षमता
वहीं इस मौके पर टोयोफुकु ने कहा, ‘हमें खुशी है कि सुजुकी के सुपर कैरी मॉडल का उपयोग अब मोबाइल दूध संग्रह के माध्यम से पशुपालकों को सुविधा प्रदान करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन के लिए किया जाएगा, जिससे दूध की गुणवत्ता में सुधार करने में भी काफी मदद मिलेगी.’ 300 लीटर क्षमता के इस प्रोटोटाइप के जरिए दूध को एकत्र कर उसकी गुणवत्ता की जांच की जाएगी और कूलिंग सिस्टम के कारण दूध को लंबे समय तक अच्छा रखा जा सकेगा. यह सिस्टम दूध की गुणवत्ता समेत रिपोर्ट की जांच के बाद पशुपालक को रसीद दी जाएगी. वाहन का आकार छोटा होने के कारण पशुपालकों के दरवाजे तक पहुंचना आसान होगा.
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