Home मछली पालन Fisheries: फिशरीज में प्रोडक्शन बढ़ाने और लागत कम करने के लिए बीते 4 साल में हुए ये काम, पढ़ें डिटेल
मछली पालन

Fisheries: फिशरीज में प्रोडक्शन बढ़ाने और लागत कम करने के लिए बीते 4 साल में हुए ये काम, पढ़ें डिटेल

Fisheries,Fish Farming, Fish Farming Centre, CMFRI
मछलियों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन में PMMSY के तहत, बायोफ्लोक और रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस), पेन और केज कल्चर जैसी कुशल और गहन कृषि तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया गया है. इन तकनीकों का उद्देश्य उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाते हुए उत्पादन की लागत को कम करना है. पिछले 4 वर्षों के दौरान, कुल 52,058 जलाशय केज, 12,081 रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस), 4,205 बायोफ्लोक इकाइयां, 1,525 ओपेन सी केज और जलाशयों में 543.7 हेक्टेयर पेन को मंजूरी दी गई है.

जमीन से घिरे क्षेत्रों में जलीय कृषि पहले मुश्किल थी, लेकिन मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और कार्यक्रमों ने उद्यमियों को मत्स्य पालन को अपने प्राथमिक व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है. इसके लिए, आईलैंड जलीय कृषि के लिए 23,285.06 हेक्टेयर तालाब क्षेत्र , ‘बंजर भूमि को संपदा भूमि में बदलने’ के लिए लवणीय-क्षारीय के तहत 3,159.39 हेक्टेयर तालाब क्षेत्र, मीठे पानी के बायोफ्लोक तालाब में पालन के लिए 3,882 हेक्टेयर क्षेत्र, खारे पानी के जलीय कृषि के तहत 1,580.86 हेक्टेयर तालाब क्षेत्र को मंजूरी दी गई.

PMMSY के तहत दी गई मंजूरी
बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए NASPAAD 2.0, 31 मोबाइल केंद्र और ट्रेनिंग लेबोरेटरी की स्थापना, 19 रोग निदान केंद्र, 6 जलीय रेफरल लेबोरेटरी को मंजूरी दी गई है और RIFD रोग ऐप लॉन्च किया गया है. गुणवत्ता वाले बीज और ब्रूडस्टॉक की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, निजी संस्थाओं द्वारा 5 ब्रूड मल्टीप्लीकेशन सेंटर (BMC), 820 आईलैंड और समुद्री हैचरी और 23 ब्रूड बैंकों को PMMSY के तहत मंजूरी दी गई है और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है. प्रोडक्शन प्रणाली में प्रजातियों के डायवर्सिफिकेशन के लिए, देशी प्रजातियों जैसे पी मोनोडोन, स्कैम्पी, पी इंडिकस, जयंती रोहू आदि के उत्पादन को रिवाईव करने के प्रयास किए गए हैं. जबकि गैर-देशी प्रजातियों जैसे एल वन्नामेई, गिफ्ट तिलापिया केपी पालन के लिए डोमेस्टीकेट किया गया है.

स्पीशीज डायवर्सिफिकेशन आत्मनिर्भर भारत की पहल
इस मुद्दे को संबोधित करने और इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के लिए, विभाग ने ICAR-CIBA के माध्यम से पेनेअस इंडिकस (इंडियन वाईट शृंप) के आनुवंशिक सुधार के लिए एक राष्ट्रीय परियोजना शुरू की है. टाईगर शृंप का डोमेस्टीकेशन और पेनेअस मोनोडॉन के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्र अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में शुरू किया जा रहा है. ICAR-CIFA के जरिए से स्कैम्पी के आनुवंशिक सुधार पर एक राष्ट्रीय परियोजना शुरू की गई है. झींगा में बीमारियों पर कार्य करने के लिए, RGCA-MPEDA को एक एसपीएफ-पॉलीचेट कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है. केरल सरकार को करीमीन पर आनुवंशिक सुधार परियोजना के लिए सपोर्ट दिया गया है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

how to treat a fish ulcer
मछली पालन

Fish: मछली बीज का ज्यादा उत्पादन लेने के लिए पढ़ें एक्सपर्ट की ये सलाह

मत्स्य बीज पक्षेत्र सुनारू फतुहा पटना के सहायक मत्स्य निदेशक डॉ. टुनटुन...