नई दिल्ली. पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय ने इनोवेटिव फिश फार्मर्स एसोसिएशन की बैठक आयोजित की गई, जहां बड़ी अहम जानकारियां एक्सपर्ट ने फिश फार्मर्स के साथ शेयर की. राज्य के तमाम जिलों से प्रोग्रेसिव मछली पालकों ने लुधियाना स्थित गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के मत्स्य पालन महाविद्यालय (सीओएफ) में पंजाब के इनोवेटिव फिश फार्मर्स एसोसिएशन (आईएफएफए) की मासिक बैठक में भाग लिया. विश्वविद्यालय आईएफएफए समन्वयक डॉ. वनीत इंदर कौर, प्रधान वैज्ञानिक (मत्स्य पालन) ने बताया कि किसानों को ज्यादा से ज्यादा मछली प्रोडक्शन और फायदा पहुंचाने के लिए बेहतरीन जानकारियों से रूबरू कराया गया.
सीओएफ के वैज्ञानिक डॉ. एस. एन. दत्ता और डॉ. अमित मंडल ने पारंपरिक कार्प कल्चर प्रथाओं में विविधता लाने के लिए संभावित वैकल्पिक प्रजातियों पर तकनीकी सत्रों का समन्वय किया. कोपफ्लोक टेक्नोलॉजी के विशेष संदर्भ के साथ प्राकृतिक फीड प्रोडक्शन और जलवायु स्मार्ट गहन जलीय कृषि टेक्नोलॉजी जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा की आगामी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए किसानों के ज्ञान के आधार को बढ़ाने पर जोर दिया.
खपत को बढावा देने के लिए करें जागरुक
आईएफएफए के अध्यक्ष एस. रणजोध सिंह और उपाध्यक्ष एस. जसवीर सिंह ने एसोसिएशन की विभिन्न गतिविधियों को साझा किया और मछली पालकों की प्रमुख समस्याओं को उजागर किया. जिनका समाधान विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने किया. सीओएफ की डीन डॉ. मीरा डी. अंसल ने बताया कि आईएफएफए किसानों को परामर्श, तकनीकी मार्गदर्शन, क्षमता निर्माण और उपयोगिता सेवाओं के लिए विश्वविद्यालय से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि सितंबर माह में होने वाले पशु पालन मेले की थीम के मुताबिक एसोसिएशन इस क्षेत्र के विकास के लिए मांसाहारी पंजाबी आबादी के बीच घरेलू खपत को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य उत्पादों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने में विश्वविद्यालय के साथ हाथ मिलाएगा.
मछली पालकों का नेटवर्क बनाने पर दिया जोर
बैठक के दौरान राज्य भर में एक मजबूत मछली पालक नेटवर्क विकसित करने के लिए विभिन्न जिलों में ऑफ-कैंपस आईएफएफए बैठकें आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. प्रकाश सिंह बराड़ ने समर्थन किया कि इस तरह के प्रयासों से एसोसिएशन के क्षितिज का विस्तार होगा और क्षमता निर्माण और उपयोगिता सेवाओं के लिए ज्यादा हितधारकों को विश्वविद्यालय से जोड़ा जाएगा. कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विश्वविद्यालय टेक्नोजॉजी अपडेट के माध्यम से पशुधन क्षेत्र के सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहा है और क्षमता निर्माण के माध्यम से टेक्नोलॉजी को प्रभावी रूप से अपनाने के लिए पशुपालकों और मत्स्यपालकों के साथ सक्रिय संबंध विकसित कर रहा है.
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