Home मछली पालन Fish: तालाब में अनचाही मछलियों को ऐसे करें कंट्रोल
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Fish: तालाब में अनचाही मछलियों को ऐसे करें कंट्रोल

तालाब में खाद का अच्छे उपयोग के लिए लगभग एक सप्ताह के पहले 250 से 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर बिना बुझा चूना डालने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं.
तालाब में मछली निकालते मछली पालक

नई दिल्ली. मछली के तालाब में साल भर कई प्रकार की मांसाहारी और अनचाही मछलियां भी रहती हैं. ये मांसाहारी मछलियां मछली बीज को नुकसान पहुंचा सकती हैं. वहीं उनकी छोटी-छोटी अनचाही मछलियां भोजन संबंधी नुकसान भी पहुंचाती हैं. कई बार तालाब में जाल चलाकर इन्हें बाहर निकाला जाता है, लेकिन फिर भी ये मछलियां नहीं निकल पाती हैं. अगर ये मांसाहारी मछलियां तालाब से बाहर न निकलें तो मछली बीज को भोजन नहीं मिलेगा और फिश फार्मिंग में नुकसान की संभावना भी बढ़ जाती है. यदि आप भी मछली पालन में रुचि रखते हैं तो इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए कि मांसाहारी और अनचाही मछलियों को कैसे कंट्रोल करें.

मांसाहारी मछलियों को ना सिर्फ जाल से बाहर निकाल सकते हैं, बल्कि कुछ उपाय भी हैं, जिनके जरिए उन्हें बाहर निकाला जा सकता है. आइये जानते हैं ये क्या हैं.

सुखाने के लिए छोड़ देते हैं तालाब: मछली पालन में जिन तालाबों में पानी को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है तो उससे मछलियों को पकड़ लिया जाता है और कुछ समय तालाब को सुखाने के लिए छोड़ देते हैं. वहीं जहर यूज करके भी मांसाहारी मछलियों पर काबू किया जा सकता है. इसके लिए महुआ खली का प्रयोग करते हैं. महुआ खली को 200 से 250 पीपीएम 10 लाख भाग में एक भाग या 2000 किलोग्राम से 225 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर डालने से तालाब में मांसाहारी मछलियों को मारा जा सकता है. महुआ खली के प्रयोग से मछलियों को पूरी तरह से खाने योग्य भी होती हैं. पानी में इसका जहरीलापन करीब 15 दिन तक रहता है और इसके बाद जैविक खाद में बदल जाता है.

कैसे करें खली का यूज: खली को पूरी तरह से तालाब में फैला दिया जाता है. खली तालाब के एक छोर से दूसरी छोर तक डालते हैं. इस तरह 5 से 6 बार तक जारी रखा जाता है. जहर से प्रभावित मछलियां बेजान होकर सतह पर आ जाती हैं और सतह पर आ जाने के बाद बाजार जाने से उनको पकड़ना आसान हो जाता है. मछली बीज का संचयन जहर का प्रभाव समाप्त हो जाने पर किया जाता है.

ये भी कर सकते हैं प्रयोग: अमोनिया इन हाइड्रा अमोनियम 20 से 25 पीपीएम की दर से उपयोग करना असरकारी होता है. जहर का असर तीन से 6 सप्ताह तक होता है. ब्लीचिंग पाउडर का 25 से 30 पीपीएम घोल 3 से 4 घंटे के अंदर उपयोग करने पर अनचाही मछलियों को मारा जा सकता है. पाउडर को पानी में घोलते हैं और इसके बाद पाउडर पानी की सतह पर फौरन डाल देते हैं. करीब पांच घंटे बाद जाल लगाकर मांसाहारी मछली को पकड़कर निकाल सकते हैं.

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