नई दिल्ली. पशुपालन में सबसे ज्यादा दिक्कत बीमारियों के कारण होती है. पशुओं का परंपरागत उपचार के जरिए इलाज किया जा सकता है. अगर पशुपालक चाहें तो अपने पशुओं की छोटे-मोटे रोगों को ठीक करने के लिए वर्षों पुरानी जुड़ी-बूटियों से इलाज कर सकते हैं. छोटी-मोटी बीमारियों के मैनेजमेंट के लिए वैकल्पिक दवाओं की जानकारी पशुपालकों के लिए जानना बेहद ही अहम है. क्योंकि ऐसी बहुत सी जगह है, जहां पर तुरंत पशु चिकित्सक की सुविधा नहीं मिल पाती है. ऐसे में ये तरीके इलाज में काम करेंगे.
बताते चलें कि इनमें से बहुत से उपचार जो विभिन्न एजेन्सियों जैसे बायफ, दक्षिण कर्नाटक के कुछ संघ, आईआईआरआर, विवेकानंद केंद्र इत्यादि के द्वारा बताए गए हैं. फिर भी, यहां ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि जिस उपचार का उल्लेख यहां किया गया है. वह केवल परामर्श के लिए ही है और वह बीमारी के उपचार की गारंटी नहीं हो सकती. इन दिक्कतों का मूल कारण बीमारी हो सकती है. जिसके उपचार के लिए जांच पड़ताल की आवश्यकता हो सकती है. इसलिए पशु चिकित्सक की सलाह भी लेना अहम है.
दूध उत्पादन में दिक्कत
पशुओं के अक्सर दूध उत्पादन में दिक्कत होती है. अगर दूध उत्पादन का इलाज करना चाहते हैं तो शतावरी और शाहकुल पौधे को 250 ग्राम पानी डालकर पीस लें और 3 से 5 दिन तक पिलाने से आराम हो जाएगा. फिर उत्पादन बढ़ जाएगा. इसके अलावा जीवंती की पत्तियां और तने को आहार के साथ देना चाहिए. 50 ग्राम दिन में दो बार 30 दिन तक दे सकते हैं.
एनीमिया की परेशानी
अक्सर पशुओं को एनीमिया की दिक्कत होती है. इस बीमारी से पशुओं को बचाना चाहते हैं तो 50 ग्राम पानी के साथ इसे अच्छी तरह से पीस लें और हर दिन खिलाएं. जब तक की आराम ना हो जाए. इससे जल्द ही फायदा मिलेगा.
फंगल इंफेक्शन को ऐसे करें ठीक
फंगल इंफेक्शन हो जाने पर लहसुन का पेस्ट बनाएं और पशुओं के हेल्दी होने तक इसे प्रभावित हिस्से पर लगा दें. इससे खूब फायदा होगा. वहीं नीम की छाल, फूल, नीम का तेल या नरम पत्तियों का पेस्ट बनाकर ठीक होने तक प्रभावित हिस्से पर लेप लगाया जा सकता है.
अफरा होने पर क्या करें
अफरा होने पर अदरक, लहसुन, इलायची, लौंग और गुड़ भी बेहद ही फायदेमंद है. एक्सपर्ट का कहना है कि 50 ग्राम अदरक एक लहसुन तीन इलायची 5 से 6 लॉन्ग सभी को आधा लीटर में पानी में उबालें. थोड़ा गुड़, डालकर काढ़ा तैयार कर लें. एक बार दो-तीन दिन तक दिन प्रतिदिन ताजा पानी के साथ देना बेहतर होता है. बछड़ियों को आधी मात्रा में दें, समस्या हो हो जाएगी.
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