नई दिल्ली. मछली को तालाब में पाला जाता है. फिर इसे बेचने के लिए मछली पालक जाल डालते हैं और इन्हें निकालकर बेचा जाता है. जिस तरह से मछली के बीज का संचयन करने तरीका होता है. मछली को खाना देने का तरीका होता है. वहीं मछली को तालाब से निकालने का भी तरीका होता है. किस तरह से आप मछली को तालाब से निकालेंगे इसकी जानकारी हर मछली पालक को होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसलिए जरूरी है कि मछली पालक इस बात को सीख ले कि आखिर किस तरह से मछली को तालाब से निकाला जाता है.
फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली बिक्री लायक होने पर पहले तालाब का पानी कम कर लेना चाहिए. फिर जाल से मछली को निकालना सबसे बेहतर उपाय होता है. आयएमसी तथा चाईनीज कार्प को जब तालाब से निकाला जाता है तो उनकी ज्यादा से ज्यादा बढत 700-1000 ग्राम प्रति वर्ष होती है. वहीं उनका उत्पादन 4000 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर होता है. एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि मछली निकालना मछली पालन का सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक है माना जाता है लेकिन इसमें अक्सर अनदेखी की जाती है.
ये सही वक्त है फसल निकालने का
पिंजरों में, फसल आंशिक नाली के रूप में सरल हो सकती है. फिर एक डुबकी जाल के साथ मछुआरों को, सीमित करना और निकालना चाहिए. हालांकि तालाब में उठाए जाने वाले मछली की कटाई सभी के प्रयास से ही संभव हो सकती है. तालाबों को नाली-और-सीने (कुल) या बहु (आंशिक) फसल विधि द्वारा निकाला जाता है. यदि संभव हो तो ठंडे मौसम (पानी का तापमान, 60- 65 फॉर्रेनहाइट) के दौरान फसल निकालना चाहिए. जब पानी का तापमान 80 °F या अधिक होता है, तो सुबह सुबह में फसल निकालना चाहिए.
बड़े तालाबों से इस तरह निकालें
कुल तालाब की फसल को निकालने के लिये तालाब को सुखाया जाता है और जाल का उपयोग किया जाता है. सबसे पहले, मछली को ध्यान केंद्रित करने के लिए तालाब को आंशिक रूप से सुखाया जाता है. (20-30%) उसके बाद, जब तक मछलीयो को एक जगह करते हैं. उसके बाद जाल का उपयोग करके 80 फीसदी तक मछलियों को निकाल लेते हैं. छोटे तालाबों में, जालों को हाथ से खींचा जा सकता है. बड़े तालाबों को ट्रकों, ट्रैक्टर या छोटे चार पहिया वाहन वाहनों के साथ जाल से खींचा जाता है.
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