नई दिल्ली. घर में फिश एक्वेरियम रखने का कई लोगों को बहुत शौक होता है. क्या कभी ऐसा हुआ है कि आपकी पालतू मछली अचानक मर गई और आपको पता नहीं चला कि ऐसा क्यों हुआ? तो आगे पढ़ें और जानें कि आपके घर के एक्वेरियम में आपकी मछली क्यों मर गई. अब हम मछलियां ले तो आते हैं, लेकिन वे मरने लगती हैं. हम उनके मरने के पीछे का कारण समझ नहीं नहीं पाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मछलियों को इंफेक्शन बहुत जल्दी होता है. छोटी-छोटी चीजों से भी वो इंफेक्शन पकड़ लेती हैं और फिर इसके चलते मरने लगती हैं. कई बार ऐसा होता है क्योंकि एक्वेरियम का रखरखाव ठीक से नहीं किया जाता है.
अपने घर के फिश एक्वेरियम में मछलियां डालने से पहले टैंक को एक सप्ताह तक साइकिल चलाना जरूरी है. इससे संतुलित नाइट्रोजन चक्र बनाने और मछली के टैंक में लाभकारी बैक्टीरिया को बसने में मदद मिलती है.
एक्वेरियम में कभी कभी अधिक भोजन देना: फिश एक्वेरियम की मछलियों को केवल उतना ही खाना खिलाना चाहिए, जितना वे पहले कुछ मिनटों में खा सकें. अधिक खिलाने से अतिरिक्त भोजन खराब हो सकता है और पानी प्रदूषित हो सकता है. ये कारण मछलियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और उनकी मौत तक हो सकती है.
फिश एक्वेरियम के अनुपयुक्त तापमान का होना: कुछ एकेरियम मछलियां ठंडा पानी पसंद करती हैं, जबकि अन्य थोड़ा गर्म या गुनगुना पानी पसंद करती हैं. इसलिए, मछलियों के पनपने के लिए पानी का तापमान बनाए रखना बेहद जरूरी है. अत्यधिक ठंडे मौसम के मामले में पानी का तापमान बनाए रखने के लिए एक्वेरियम हीटर का यूज कर सकते हें.
एक्वेरियम में पंप और फिल्टर का नहीं लगाना: फिश एक्वेरियम में मछली के पानी को साफ और वातित रखने के लिए पंप और फिल्टर महत्वपूर्ण हैं. ये मछलियों के पनपने के लिए आवश्यक है.
असंगत मछली: फिश् एक्वेरियम में मछलियां रखने से पहले ये जानना जरूरी होता है कि वे एक-दूसरे के अनुकूल हैं या नहीं. असंगत मछलियों को रखने से मछलियां तनावग्रस्त हो सकती हैं और यहां तक कि वे मर भी सकती है. एक सामान्य नियम के रूप में छोटी मछलियों को एक साथ न रखें जो एक बड़ी मछली के मुंह में समा सकती हैं. मछलियों
को एक साथ रखने से पहले हमेशा अपने स्थानीय एक्वेरियम स्टोर के मालिक से जानकारी कर लें या कुछ सर्च कर लें.
अपनी मछलियों को क्वारेंटाइन न रखना: अपने घर के फिश एक्वेरियम में नई मछली डालने से पहले, नई मछली को एक अलग टैंक में अलग रखना चाहिए. उन्हें एक्वेरियम नमक से उपचारित करना जरूरी है. इससे नई मछली से अन्य मछलियों में फैलने वाली बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है.
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