नई दिल्ली. देश में आमतौर पर दाल पारंपरिक और व्यावहारिक खाद्य और सब्जियां सहायक सामग्री खाई जाती हैं. इसके अलावा चावल या गेहूं फिर गेहूं भी खाया जाता है. इस तहर का खाद्य, ऊर्जा मैं समृद्ध होता है, लेकिन इंसानों के लिए जरूरी संतुलित प्रोटीन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की मात्रा में इसमें बहुत कम होती है. दालों से प्राप्त प्रोटीन में कुछ आवश्यक अमीनो अम्लों की कमी के कारण उसमें प्रोटीन की जैव उपलब्धता बहुत कम है. इसलिए, प्रोटीन कुपोषण, एनीमिया की घटनाएं और सामान्य रोग की संवेदनशीलता, ग्रामीण और जनजातीय आबादी, जो अनाज से समृद्ध खाद्य का उपभोग करते हैं, में सामान्य है.
न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट कहते हैं कि ये समस्याएं बढ़ते बच्चों, गर्भवती महिलाओं और पोषण / दूध पिलाने वाली माताओं में अधिक गम्भीर होती है. जिनमें पोषक तत्वों की आवश्यकता आम आदमी से अधिक होती है. भारत जैसे देश में ग्रामीण जनजातीय मानव जनसंख्या के अच्छी तरह से विकास और स्वास्थ्य के लिए आसानी से उपलब्ध, आर्थिक रूप से सस्ता, पौषकीय रूप से संतुलित और प्रोटीन युक्त अंडों और कुक्कुट मांस को अनाज आधारित पारंपरिक खाद्य में शामिल करना आवश्यक है.
7 से 19 ग्राम मिलता है प्रोटीन
एक अंडा या 100 ग्राम कुक्कुट मांस का उपभोग 7 ग्राम और 19 ग्राम संतुलित प्रोटीन उपलब्ध करता है, जो एक वयस्क इंसान के लिए लगभग 12 फीसदी और 33 फीसदी प्रोटीन के आरडीए की प्राप्ति करता है. इसी प्रकार, एक अंडे का उपभोग मनुष्यों के लिए लगभग 20 फीसदी से 60 फीसदी आवश्यक अमीनो अम्लों जैसे मीयियोनीन, लाइसिन, थ्रीयोनीन आदि प्रदान करता है. अंडे, रक्त, अस्थियों और मांसपेशियों के गठन के लिए आवश्यक खनिजों के समृद्ध स्रोत हैं. 100 ग्राम कुक्कुट मॉस की खपत से 100% लाइसिन का आरडीए मिलता है जो कि मानव के लिए सबसे महत्वपूर्ण अमीनो अम्ल प्रदान करता है.
बेहद कम होती है इसमें वसा
इसी प्रकार, 100 ग्राम मंस लगभग 18 फीसदी से 86 फीसदी तक आवश्यक अमीनो अम्ल जैसे मीथियोनीन, ल्यूसीन, थ्रीयोनीन आदि देता है. मुर्गियों के मीट में वसा की मात्रा अन्य पशु प्रोटीन स्रोतों जैसे बकरी के मांस, बीफ (जो लगभग 6-7% वसा वाले होते हैं) की तुलना में 1 फीसदी से भी कम है. इसलिए, कुक्कुट मांस को कम वसा वाला मांस माना जाता है, जो हृदय सम्बंधी (कार्डियोवास्कुलर) और अन्य सामान्य रोगों से ग्रस्त लोगों या किसी भी दीर्घकालिक रोग से उबरने वाले लोगों द्वारा उपभोग किया जा सकता है.
अंडे की जर्दी है फायदेमंद
अंडे की जर्दी में उपस्थित फास्फोलिपिड्स, दिमाग और नर्व टीश्यू के विकास में काफी सहायक सिद्ध हुए हैं. खासतौर पर भ्रूण और बढ़ते बच्चों के विकास में। फास्फोलिपिड्स, विटामिन ई और विटामिन ए, जठरांत्र मार्ग और श्वसन प्रणाली की श्लेष्म झिल्लियों के विकास के लिए जरूरी है इसलिये मुर्गियों के प्रोडक्ट के उपयोग से आंतों और सांस लेने वाले सिस्टम सम्बंधी रोगों की रोकथाम में मदद मिलती है. काफी मात्रा में बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन ए, ई और अन्य प्रतिउपचायक की उपस्थिति के कारण, कुक्कुट अंडों को मनुष्यों में तनाव तथा आयुवृद्धि की प्रक्रिया से निपटने हेतु एक अच्छा खाद्य माना जाता है.
Leave a comment