आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा में दिल्ली पब्लिक स्कूल, शास्त्रीपुरम के मैदान में अर्ध्मूर्चित अवस्था में पाए गए एक बार्न उल्लू को वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने बचाया. पक्षी फिलहाल एनजीओ की निगरानी में है और ठीक होने पर उसे वापस जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
सतर्क स्कूल स्टाफ ने आगरा के शास्त्रीपुरम क्षेत्र में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के परिसर में एक बार्न आउल प्रजाति के उल्लू को पड़ा हुआ देखा, जिस पर एक बाज़ हमला करने का प्रयास कर रहा था. स्थिति की तत्कालींता को पहचानते हुए, स्कूल स्टाफ ने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस को उनके आपातकालीन बचाव हेल्पलाइन +91-9917109666 पर संपर्क किया.
रेस्क्यू कॉल का तुरंत जवाब देते हुए, वाइल्डलाइफ एसओएस ने अपने अनुभवी बचाव कर्मचारियों को स्थान पर भेजा. आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित रेस्क्यू टीम ने उल्लू को रेस्क्यू कर उसे खतरे से सुरक्षित बाहर निकाला. फिलहाल मेडिकल परीक्षण जांच के लिए उसे वाइल्डलाइफ एसओएस की देखरेख में रखा गया है. साइट पर किए गए प्रारंभिक मूल्यांकन से पता चला की, उल्लू को किसी भी तरह की बाहरी चोट नहीं है. लेकिन बाज़ के साथ मुठभेड़ के कारण उसमें अत्यधिक घबराहट और तनाव के लक्षण दिखाई दिए, जिस वजह से वो अभी उड़ने में असमर्थ है. वाइल्डलाइफ एसओएस की समर्पित पशु चिकित्सा टीम वर्तमान में पक्षी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आगे की जांच कर रही है.
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “संकट में फंसे वन्यजीवों को बचाने और उनके पुनर्वासन की क्षमता वाइल्डलाइफ एसओएस के मिशन का मूलमंत्र है. हम दिल्ली पब्लिक स्कूल के स्टाफ को उनकी त्वरित सोच और दयालु प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद देते हैं. वाइल्डलाइफ एसओएस जरूरतमंद वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे बचाव सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है.”
वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप निदेशक, डॉ. एस इलियाराजा ने कहा, “उल्लू न केवल खतरे में था बल्कि डिहाइड्रैटड और कमजोर भी था. हमारी समर्पित टीम उसको फिर से स्वस्थ बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही है. हम इस बार्न आउल की भलाई और उसे उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ने को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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