नई दिल्ली. पशुपालकों के सामने हमेशा ही ये परेशानी रहती है कि वो पशुओं के लिए सालभर हरे चारे की वयवस्था कैसे करें. खासतौर पर गर्मियों में अप्रैल से लेकर मॉनसून के आने तक हरे चारे की समस्या रहती है. जिन इलाकों में अच्छी बारिश होती है वहां तो मॉनसून के बाद ये दिक्कत दूर हो जाती है लेकिन राजस्थान जैसे इलाके जहां बारिश बहुत कम होती है और वहां के किसान ज्यादातर पशुपालन पर निर्भर रहते हैं तो उन्हें ज्यादा दिक्कतें होती हैं. ऐसे में किसानों के पास एक ही विकल्प बचता है कि वो ऐसी फसलों की बुआई करें जिससे सालभर हरे चारे की समस्या दूर हो जाए.
पशु एक्सपर्ट कहते हैं कि वर्ष भर हरा चारा उत्पादन देने वाली फसलों को फसल चक्र में शामिल करना जरूरी होता है. राजस्थान में हरे चारे के लिए मुख्य रूप से उगाई जाने वाली फसलें बाजरा, ज्वार, मक्का, चंवला, ग्वार, जई, रिजका, बरसीम, जौ आदि हैं. हरे चारे के लिए इन फसलों को उगा कर फूल आने के बाद, पकने से पहले, काट कर हरेपन की स्थिति में पशुओं को कुट्टी काट कर या सीधे ही खिलाया जाना चाहिए.
कब है चारे की बुआई का सही समय
वर्ष भर हरा चारा उत्पादन के लिए इन फसलों की बुवाई का समय खरीफ ऋतु में जुलाई-अगस्त, रबी में अक्टूबर-नवम्बर व गर्मियों में मार्च-अप्रैल होता है. हरे चारे में ज्वार, बाजरा व मक्का के हरे चारे के साथ दलहनी फसलें जैसे चंवला या ग्वार का हरा चारा भी मिलाकर पशुओं को खिलाना चाहिए. इससे पशुओं को संतुलित पोषण मिलता है. इसलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि इन चारों को जरूर खिलाना चाहिए. वहीं दलहनी हरा चारा जैसे ग्वार, चंवला, रिजका आदि अकेले ही पशुओं को नहीं खिलाना चाहिए. इनको सूखे चारे के साथ मिलाकर खिलाना चाहिए। इससे पशुओं के पेट में आफरा नहीं आता है. अन्यथा, अकेले दलहनी हरा चारा खिलाने पर पशुओं के पेट में आफरा आने से मृत्यु भी हो सकती है.
15 दिन के बाद ही फसल को काटें
इस प्रकार ज्वार की फसल को 40 दिन पहले पशुओं को नहीं खिलाना चाहिए. बेहतर तो यही है कि जब फसल में सिट्टे आने लगे तभी काट कर हरे चारे के लिए खिलाना चाहिए. इस अवधि से पहले खिलाने पर इसमें एचसीएन नामक विषैला तत्व अधिक मात्रा में होता है. जिससे पशु की मृत्यु भी हो सकती है. हरे चारे के लिए जो भी फसल काट कर पशुओं को खिलाई जा रही है, उस पर काटने से पहले 15 दिन तक किसी भी दवा का छिड़काव किया हुआ नहीं होना चाहिए. यदि फसल पर किसी कीड़े, बीमारी या खरपतवार नियंत्रण के लिए कोई दवा का छिड़काव किया गया है तो उसके 15 दिन बाद ही फसल को हरे चारे के लिए काटना चाहिए.
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