नई दिल्ली. मीट का कारोबार पूरी दुनिया में फैला हुआ है. ये कारोबार लाखों लोगों को रोजगार दे रहा है. शायद आपको ये सुनकर थोड़ी हैरानी भी हो सकती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि मीट से जुड़ा कोर्स भी शुरू होने वाला है. जिसको करके आप नौकरी पा सकते हैं. दरअसल, विदेशों में मीट की डिमांड बढ़ रही है. इस वजह से देश में स्लॉटर हाउस की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में आप मीट से जुड़े इस कोर्स को करके बिजनेस शुरू कर मोटी कमाई कर सकते हैं. या फिर नौकरी कर सकते हैं. वहीं केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा ने इस कोर्स की शुरुआत की है. सीआईआरजी से पहले ही नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन मीट, हैदराबाद भी मीट से जुड़े कोर्स कराता है.
जब मीट की डिमांड बढ़ रही है तो जाहिर ही है कि इसके खाने वालों की संख्या बढ़ी है. दरअसल, लोग मीट को बहुत साफ-सफाई पर ध्यान देने वाली दुकानों से लेना चाहते हैं. यही वजह है कि इस कोर्स में स्लॉटरिंग के दौरान सफाई रखने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, इस संबंध कोर्स में बारीकी से सिखाया जाता है. वहीं केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा की ओर से मीट से जुड़े इस कोर्स का ये दूसरा बैच है. संस्थान का कहना है कि कोई भी मीट से जुड़ा और एडवांस कोर्स करना चाहता है तो नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन मीट, हैदराबाद में भी आवेदन कर सकता है और ज्यादा जानकारी के लिए उसकी बेवसाइट पर लॉगइन कर सकता है.
कैसे करें कोर्स, कितनी फीस है निर्धारित
सीआईआरजी की ओर से बताया गया कि इस कोर्स का नाम बकरे की स्वच्छ तरीके से स्लॉटरिंग और वैल्यू एडेड मीट प्रोडक्ट प्रोससिंग है. इसकी फीस पांच हजार रुपये तय की गई है. ये महज पांच दिन का कोर्स है. हर बैच में सिर्फ 15 लोगों को पढ़ाया जाता है. कोर्स के लिए आवेदक को कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है. जिसे आवेदन करना है कि वो इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए ईमेल आईडी arun.lpt2003@gmail.com और मोबाइन नंबर 9719117100 पर संपर्क कर सकता है. कोर्स सीआईआरजी के मथुरा, यूपी स्थिनत संस्थान में ही कराया जाएगा. कोर्स करने के लिए आवेदक संस्थान के गेस्ट हाउस और हॉस्टाल में भी रुकने की व्यवस्था की गई है. या फिर अपनी सुविधानुसार आगरा-मथुरा में भी रुक सकते हैं.
ऐसा होगा सीआईआरजी का मीट कोर्स
गौरतलब है कि एक बकरे की स्लॉटरिंग कैसे की जाती है. जहां बकरे की स्लॉटरिंग होनी है वहां किस तरह की साफ-सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए. जो व्यक्ति स्लॉटरिंग करेगा उसे क्या पहनना है और खुद की साफ-सफाई के कौन से मानक उसे पूरा करना होगा. बकरे को कैसे काटा जाए, उसकी किस तरह से पीस किए जाएं. इन सब की जानकारी दी जाएगी. ये वो काम है जो बड़े-बड़े स्लॉटर हाउस में भी होते हैं और बाजारों में खुलीं मीट की छोटी दुकानों पर भी किया जाता है.
संस्थान ने कहा कि दुकानों पर मीट बेचने वाले दुकानदार इस कोर्स कर सकते हैं. जबकि ऐसे ही ट्रेंड लोगों की स्लॉटर हाउस को भी जरूरत होती है. वहीं कोर्स के दौरान मीट के कौन-कौन से और कितने प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं ये भी सिखाया जाता है. बाजार में बिकने वाले और मीट से बनने वाले स्नैक्स जैसे सींक कबाब, शामी कबाब और फ्राई मीट आदि को कैसे बनाया जाए ये भी बताया जाएगा.
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