नई दिल्ली. देश का सबसे बड़ा बकरी फार्म युवान एग्रो फार्म यूपी के आगरा स्थित फतेहाबाद में चल रहा है. यहां बकरियों को बेहद ही साइंटिफिक तरह से पाला जा रहा है. जिससे फार्म में पाली जा रही बकरियां अच्छा उत्पादन कर रही हैं. फार्म में बकरियों की देखरेख की व्यवस्था बेहतरीन तरीके से की जा रही है. उनके रखरखाव खान-पान में कहीं कोई कमी नहीं की जाती है. युवान एग्रो फार्म के संचालक डीके सिंह का कहना है कि जिस तरह से बकरी फार्म से वह फायदा कमा रहे हैं, वो चाहते हैं कि किसान भी इससे फायदा कमाएं.
डीके सिंह का कहना है कि बकरी पालन में बकरियों की देखरेख की ज्यादा जरूरत पड़ती है लेकिन इससे फायदा भी ज्यादा होता है. अगर सही तरीके से बकरी पालन किया जाए तो मुनाफा कई गुना ज्यादा बढ़ सकता है. उन्होंने बताया कि वो चाहते हैं कि किसानों को ज्यादा फायदा मिले. इसलिए वह अपने फार्म से एक हजार किसानों को जोड़ना चाहते हैं. जब उनसे पूछा गया कि आप किस तरह से उन्हें जोड़ेंगे तो उन्होंने इसके बारे में डिटेल से जानकारी दी. आइए इस बारे में जानते हैं.
पांच दिन की दी जाएगी ट्रेनिंग
डीके सिंह ने कहा कि हमारी कोशिश अभी तक यह है कि जो भी किसान इस व्यवसाय से जुड़ना चाहते हैं, जिन्होंने कहीं से ट्रेनिंग ली है, या करना चाह रहे हैं तो हमारे यहां सरकार से अप्रूव 5 दिन के ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा बन सकते हैं. इसकी शुरुआत इसी महीने से होनी है. जिसमें हर महीने चार बैच चलाया जाएगा. जहां पर किसानों को बकरी पालन की बारीकियां के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. हम यहां ये सिखाने की कोशिश करेंगे कि कैसे कमर्शियल गोट फार्मिंग की जा सकती है. इसका मतलब क्या होता है. सस्टेनेबल मॉडल क्या होता है. इसके क्या फायदे होते हैं. इस बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
सालभर बकरियों की हैल्थ पर रखेंगे नजर
डीके सिंह ने बताया कि वह फार्म से बकरियों को बेचेंगे भी. किसान चाहें तो उनसे बकरियां खरीद सकते हैं, जो भी किसान उनसे बकरी खरीदेगा तो उसे साल भर मेडिकल कंसल्टेंसी दी जाएगी. क्योंकि बकरियों में बीमारियों की समस्या ज्यादा होती है और इसलिए किसानों को मेडिकल से जुड़ी तमाम जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. ताकि बकरियां में मृत्युदर न दिखाई दे. किस समय कौन सा फीड दिया जाना है, ताकि बकरियों से उत्पादन बेहतर मिले. इसके बारे में भी बताएंगे. जब किसान जानवर को तैयार कर लेगा और यदि जानवर नहीं बिकते हैं तो युवान एग्रो फार्म इसे वाजिब दाम पर उनसे खरीदेगा भी.
सस्टेनेबल मॉडल सीख सकेंगे किसान
युवाव एग्रो फार्म के संचालक ने बकरियों के सस्टेनेबल मॉडल के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि बकरियों के दूध का कोई इस्तेमाल नहीं होता है. किसानों के सिखाया जाएगा कि दूध से कौन से बाई प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं. कैसे बकरी के दूध से साबुन, चीज, बटर आदि बनाया जा सकता है, इसके बारे में बताया जाएगा. उन्हें इसके फायदे के बारे में बताया जाएगा. युवाव एग्रो फॉर्म खाद बनाने जा रहा है उसकी भी ट्रेनिंग किसानों को दिया जाए ताकि किसानों को एक अच्छा फायदा मिल सके.
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