नई दिल्ली. पशुओं के फ्री बीमा किए जाने में अगर कोई परेशानी आ रही है तो उसे जल्द दूर किया जाए. इस साल बीमा के लिए पशुओं की संख्या को दोगुना कर 42 लाख कर दिया गया है. मुख्यमंत्री मंगला बीमा पशु योजना के बारे में सचिव, पशुपालन, गोपालन एवं मत्स्य विभाग डॉक्टर समित शर्मा ने बैठक कर अधिकारियों से बीमा की रिपोर्ट के बारे में जानकारी ली. जिसमें पशुपालन और राज्य बीमा भविष्य निधि विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. डॉक्टर शर्मा ने कहा कि सीएम की लीडरशिप में राज्य सरकार सूबे की पशुधन संपदा के विकास एवं पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में प्रयास कर रही है.
बैठक में पशु चिकित्सकों को भी बुलाकर कर उनकी परेशानियों के बारे में जाना और तत्काल सामाधान के निर्देश दिए. पशु बीमा के जारी किये जाने वाले स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र में ई-साईन में आ रही परेशानी दूर करते हुए शासन सचिव ने प्रक्रिया का सरल बनाकर क्यू आर कोड के जरिए प्रमाण पत्र जारी किये जाने निर्देश दिए. डॉक्टर शर्मा ने बताया कि एसएसओ आईडी लॉगइन करने पर पशु चिकित्सकों को उनके कार्य क्षेत्र में पशु बीमा के लिए रजिस्टर्ड पशुपालकों की सूची जारी होगी, जिससे पशुपालकों की पहचान करने में आसानी होगी. उन्होंने स्थानीय पशु चिकित्सकों और बीमा कंपनी के सर्वेयर में कोआर्डिनेट कर बीमा काम को बढ़ाने के लिए कहा.
अब 42 लाख की पशुओं की संख्या: रचना सिद्धा, सहायक जनसंपर्क अधिकारी ने बताया, कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा के तहत पशुपालकों के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में 400 करोड़ का व्यय कर गाय, भैंस, भेड़-बकरी एवं ऊंट सहित 21 लाख पशुओं का फ्री बीमा किए जाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 13 दिसम्बर, 2024 से शुरू किया था. योजना में पांच-पांच लाख दुधारू गाय, भैंस, भेड़, बकरी और एक लाख ऊंटों सहित कुल 21 लाख पशुओं का बीमा फ्री किया गया है. बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग कर अब तक 20.27 लाख पशुओं का रजिस्ट्रेशन कर 4 मार्च, 2025 को निकाली गई लॉटरी के माध्यम से चयनित पशुओं का बीमा किया जा रहा है. वर्ष 2025-26 में बीमा के लिए पशुओं की संख्या को दोगुना कर 42 लाख कर दिया गया है.
ये रहे मौजूद: डॉक्टर शर्मा ने राज्य में पशुधन विकास कि लिए किए जा रहे प्रयासों और भावी कार्ययोजना पर राजस्थान पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जोबनेर एवं बीकानेर के कुलगुरुओं से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग में चर्चा की. बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉक्टर आनंद सेजरा, अतिरिक्त निदेशक डॉक्टर सुरेश मीना, सूचना एवं प्रोद्यौगिकी विभाग की तकनीकी निदेशक नीलू जैन, ऋतु नंदा, अतिरिक्त निदेशक राज्य बीमा भविष्य निधि विभाग और मनोज शांडिल्य वित्तीय सलाहकार पशुपालन निदेशालय सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.












