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Poultry news: सरकार इन 3 कदम को उठाए तो मुर्गी-अंडे के कारोबार को लग जाएंगे पंख

Central government seeks suggestions from poultry farmers to increase export of chicken-eggs, read details
प्रतीकात्मक फोटो. Live stock animal news

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में पोल्ट्री कारोबार कर रहे और उसकी शुरुआत करने वालों के लिए अच्छी खबर है. दरसअल, मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के मकसद से यूपी सरकार ने कुछ अहम घोषणा की है. जानकारी के मुताबिक पोल्ट्री फार्म खोलने के मकसद के तहत सरकार ने बैंक लोन की लिमिट और ब्याज दर में बदलाव करने की बात कही है. जिसका यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन ने स्वागत किया है. संगठन के अध्यक्ष ने कहा है कि लोन में राहत देने से मुर्गी पालकों की तीन पुरानी मांग पूरी हो जाएगी. जबकि कारोबार को रफ्तार भी मिलेगी और ये कारोबार तेजी से आगे भी बढ़ेगा. जबकि अंडे बेचने के लिए बाजार मिलेगा और सही दाम आएंगे तो उत्पादन अपने आप बढ़ता चला जाएगा. जिसका फायदा होना तय है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अंडा और बॉयलर चिकन का उत्पादन बढ़ाने के मकसद से उत्तर प्रदेश सरकार ने कुक्कुट नीति 2022 लागू किया था. जबकि योजना के तहत 10, 30 और 60 हजार की मुर्गी क्षमता वाले लेअर फार्म खोलने के लिए बड़ी आर्थिक मदद देने की पेशकश की गई है. सरकार ने इनकी लागत 99 लाख, 2.5 करोड़ और 4.9 करोड़ रुपये बताई है. वहीं सरकार 10 हजार की बॉयलर बर्ड वाले फार्म के लिए भी आर्थिक मदद देने की बात कही है.

किसानों जैसी सुविधाएं देने की मांग

यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने बताया कि लम्बे समय से पोल्ट्री के लिए 24 घंटे बिजली की मांग एसोसिएशन की ओर से की जा रही थी. कहा कि हम भी गेहूं-सरसों उगाने वाले आम किसान की तरह से ही किसान हैं. हालांकि पोल्ट्री कारोबार को फिलहाल बिजली सरचार्ज में छूट दी जाती है लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर ही है. जबकि ज्यादातर पोल्ट्री फार्म को आबादी से दूर रखने का नियम है तो ऐसे इलाकों में फार्म को 24 घंटे लगातार बिजली भी देना आसान नहीं होता है. जबकि दिन में दाना बनाने वाली मशीन चलाने के वक्त बिजली नहीं मिल पाती है. दिन ढलने पर फार्म की बिजली बंद करने का वक्त होता है तो उस वक्त बिजली सप्लाई शुरू होती है.

एमएसपी तय करने की मांग

पोल्ट्री फार्मर मनीष शर्मा ने कहा कि अंडा कारोबार कुछ बड़े ट्रेडर्स के हाथ में आ जाने से वो मनमर्जी से रोजाना अंडे के दाम तय कर रहे हैं. कई बार तो अंडा उत्पादक किसान को 5-10 पैसे के मुनाफे पर या लागत रेट पर अंडा बेचना पड़ता है. क्योंकि किसान को हर रोज मुर्गियों का दाना खरीदने के लिए बड़ी रकम की जरूरत होती है. अंडा देने वाली एक मुर्गी 105 से 110 ग्राम तक दाना खा जाती है. जबकि दाने का बाजार भाव 24 से 25 रुपये किलो तक है. इसलिए सरकार दूसरी फसलों की तरह अंडे पर भी एमएसपी तय कर दे तो पोल्ट्री वालों को राहत मिलेगी.

मिड-डे मील में शामिल हो अंडा

नवाब अली कहते हैं कि यूपी का पोल्ट्री कारोबार अकेले यूपी की अंडे की डिमांड को ही पूरा नहीं कर पा रहा है. इसके चलते दूसरे राज्यों से अंडा खरीदना ही पड़ता है. बावजूद इसके पोल्ट्री कारोबारियों को अंडे के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. जबकि दूसरे गर्मियों में अंडे की डिमांड कम हो जाती है तो उसे बाजार में बेचना भी बड़ा काम है. अगर सरकार अंडे को मिड-डे मील में शामिल करे तो पूरे 12 महीने अंडे की डिमांड बराबर बनी रहेगी और उसका सही दाम भी मिलेगा. इससे अंडा कारोबार पर कब्जा जमाए बैठे कुछ बड़े ट्रेडर्स को भी झटका लगेगा.

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