नई दिल्ली. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला 17 जनवरी को नई दिल्ली पूसा में हाइब्रिड मोड में मत्स्य पालन और जलीय कृषि बीमा पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन में मौजूद होंगे. उनकी अध्यक्षता में ही होने वाले इस सम्मेमलन का उद्देश्य बीमा क्षेत्र के सभी हितधारकों को मछुआरों और मछली किसानों के लिए बीमा योजनाओं और इसके लाभों तक पहुंच बढ़ाना है. इसके साथ ही बीमा उत्पाद की पेशकश और प्रोत्साहन आदि पर नवाचारों को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान करना है. सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री चिन्हित लाभार्थियों को समूह दुर्घटना बीमा योजना (जीएआईएस) के चेक भी वितरित करेंगे. इस अवसर पर राज्य मंत्री डॉ. संजीव के. बालियान, राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन और सचिव, डीओएफ, डॉ. अभिलक्ष लिखी भी उपस्थित रहेंगे.
सम्मेलन में कौन-कौन होगा शामिल
जानकारी के मुताबिक इस सम्मेलन में 300 से अधिक प्रतिभागी नीति निर्माता, राज्य अधिकारियों, शोधकर्ताओं, मछली किसानों, एफएफपीओ/सीएस, मत्स्य पालन विश्वविद्यालयों, बीमा कंपनियों, केवीके, वित्तीय संस्थानों आदि के भाग लेने की भी बात कही जा रही है. बताया गया है कि कार्यक्रम के दौरान इनसाइट्स और सुझावों से बीमा क्षेत्र में कमियों को दूर करने, बीमा के माध्यम से अधिक जोखिमों को कम करने के लिए रणनीति तैयार करने पर काम किया जाएगा.
किन मुद्दों पर होगी चर्चा
इसके अलावा जलीय कृषि और पोत बीमा तक पहुंच का विस्तार करने, बाजार की जरूरतों के अनुसार बीमा उत्पाद और सेवा नवाचार की सुविधा प्रदान करने की भी रास्ता दिखाने की उम्मीद है. आगे की नीति समर्थन, माइक्रोइंश्योरेंस की क्षमता, त्वरित और परेशानी मुक्त दावा निपटान प्रक्रियाओं के लिए सुधार प्रक्रियाओं पर चर्चा होगी. सम्मेलन सर्वोत्तम प्रथाओं और नवीन विचारों आदि के आदान-प्रदान के लिए मत्स्य पालन बीमा में लगे हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने का अवसर भी प्रदान करने वाला होगा.
मछली किसानों से होगी बातचीत
बताया गया कि सम्मेलन में डीओएफ और राज्य मत्स्य पालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे. बता दें कि प्रतिभागियों में खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ), सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमएफआरआई), सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रैकिशवाटर एक्वाकल्चर (सीआईबीए), आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण जैसे प्रमुख संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. भारत (आईआरडीएआई) और मत्स्यफेड, केरल, इस आयोजन में वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ उन मछुआरों और मछली किसानों के साथ बातचीत शामिल है जिन्होंने बीमा लाभ उठाया है.
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