नई दिल्ली. बकरी के गले में सूजन कई वजहों से हो सकती है. जैसे इन्फेक्शन, गले के अंदर खुजली, एलर्जी आदि से. बता दें कि ये ऐसी बीमारी जिसमें गला सूख जाता है और यह सूजन कोई आम सूजन नहीं होती है. अगर पशुपालक समय पर ध्यान न दें तो बकरी या भेड़ की जान भी ले लेती है. यानी यह जानलेवा सूजन भी कहीं जा सकती है. क्योंकि धीरे-धीरे बढ़ती है लेकिन जब विकराल रूप रहती है तो बकरी की जान चली जाती है. यह एक लिवर फ्लूक नाम का कीड़ा होता है और ये बीमारी लिवर फ्लूक नाम के कीड़े की वजह से ही होती है.
क्या है गले की सूजन का लक्षण
बकरी के गले की सूजन और बीमारी के लक्षण की बात की जाए तो गले में सूजन यानि जबड़े के नीचे सूजन आ जाएगी और सूजन भी ऐसी रहेगी कि जिसे अगर हम दबाएंगे तो गड्ढा बन जाएगा. अगर इंजेक्शन की सहायता से चेक करेंगे तो पानी की बूंदे गिरेंगी, यानी कि जबड़े के नीचे पानी इकट्ठा हो जाता है और यह पानी तो कभी बीच-बीच में गायब भी हो जाता है. कई बार शाम के समय दिखता है तो कई बार सुबह के समय दिखता है. दूसरे लक्षण जिसमें हमारे जो भेड़ बकरी हैं वह कमजोर हो जाती हैं. आंखों की जो समक है उनकी कम होती रहती है. इसके अलावा आंखें धीरे-धीरे करके सफेद होने लग जाती हैं. कभी उसको दस्त होता है तो कभी कब्ज की शिकायत देती है. इसके अलावा अगर दस्त न होके गोबर भी कर रही हैं तो गोबर में भी जाले जाले से आएंगे.
ये दवाएं करती हैं काम, डॉक्टरों की लें सलाह
बकरी के गले की सूजन का चिकित्सी उपचार की बात की जाए तो एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं. अगर सूजन इन्फेक्शन निकल रहा है तो एंटीबायोटिक दावों का उपयोग किया जा सकता है. यह दवाइयां आमतौर पर वेटरनरी डॉक्टर द्वारा प्रदान की जाती है. पशु पालकों को सलाह दी जाती है कि इन दवाओं का उपयोग डॉक्टरों की सलाह पर ही देनी चाहिए. अगर सूजन एलर्जी के कारण हो रही है तो एंटीहिसटामीन दवाई काम करती हैं. यह दवाई बकरी के एलर्जिक प्रतिक्रिया को रोकती है और सूजन को कम करती है लेकिन इन दावों का उपयोग करने से पहले एक वेटरनरी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
खाली पेट होने पर दें ये दवा
सूजन को कम करने के लिए स्टेरॉयड्स दावों का भी उपयोग किया जाता है. यह दवाई बकरी के शरीर को जल्दी से वापसी को और बढ़ाती है. बकरियों के गले में सूजन आने पर oxyclozanide And Levamisole दवा देनी चाहिए. ये दवा बकरियों को सिर्फ एक बार दी जाती है. 50 किलो वाली बकरी को 15 एमएल दवा देना चाहिए और भूखे पेट सुबह के समय देना होता है. अगर बकरी को ज्यादा परेशानी हो रही है तो आप किसी भी समय दे सकते हैं.
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