नई दिल्ली. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान CIRB में देश के नंबर वन पीटी बुल का हिसार में जन्मदिन मनाया गया. ये क्लोन मुर्रा नस्ल का बुल की ये खासियत है कि अब तक इसने और इसके दो बच्चों ने लाखों एआई डोज दिया है. गौरव की खास बात ये है कि इसे देश के नंबर वन डोनर बुल कहा जाता है और इसके सीमने की खास डिमांड रहती हैं. क्योंकि इसका सीमेन आम लोगों को नहीं दिया जाता है. इसके सीमेन का इस्तेमाल रिसर्च के लिए किया जाता है. बता दें कि हिसार में गौरव नाम के बुल के 10वें जन्मदिन पर केक भी काटा गया. पिछले एक दशक में, हिसार गौरव ने उच्च गुणवता वाले सीमेन की 22 हजारों डोज का उत्पादन किया है. जिसका इस्तेमाल कृत्रिम गर्भाधान (AI) के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है. वहीं हिसार गौरव के सीमन द्वारा पैदा हुआ 2 अन्य भैंसों ने अभी तक 2 लाख से ज्यादा एआई की डोज उपलब्ध करवाई है.
अधिकारियों ने बताया कि इससे हासिल भैंस ने दूध उत्पादन में अच्छी खासी बढ़ोतरी हासिल की है, जिससे प्रति ब्यात में लगभग 300 से 600 लीटर दूध का उत्पादन किया है. ओपीयू-आईवीएफ में इसके सीमन का प्रयोग से न केवल एक स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट बछड़े “वीर गौरव” का जन्म हुआ, बल्कि सफल परिणाम देने में इसकी विश्वसनीयता भी प्रदर्शित हुई. इस क्लोन से प्राप्त सीमन से मादा पशुओं का 45 प्रतिशत से अधिक गर्भाधान है, जोकि ब्रीडिंग बुल के बराबर है. ये डेयरी क्षेत्र में रिसर्च का प्रतीक बना हुआ है. बता दें कि इसका जन्म 11 दिसम्बर, 2015 को हिसार हुआ था.
उत्पादन में भी हुआ है सुधार
बताया जा रहा है कि हिसार गौरव की सीमन तकनीक का उपयोग करने वाले किसानों ने दूध उत्पादन में महत्वपूर्ण सुधार की सूचना दी है, जो डेयरी अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान देता है. इसका वीर्य आनुवंशिक सुधार को बढ़ावा देने, पशुधन उत्पादकता बढ़ाने और पशुओं की अगली पीढी में उच्च प्रजनन क्षमता, जैसे श्रेष्ठ गुणों के हस्तांतरण को सुनिश्चित करता है. इस क्लोनिंग प्रोजेक्ट के पीआई डॉ. प्रेम सिंह यादव अपनी टीम के साथ ईमानदारी के साथ लगे रहते है ताकि ज्यादा से ज्यादा क्लोन पैदा किये जा सके.
क्लोनिंग के बारे में किसानों को बताया
हर साल की तरह इस साल भी 10 दिसंबर 2024 को हिसार गौरव का जन्मदिन के केक काट कर मनाया जा रहा है. इस अवसर पर संस्थान के पूर्व निर्देशक डॉ आरके सेठी, फिजियोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एसके जिंदल संस्थान के वर्तमान निदेशक डॉ. डीके दत्ता, डॉ. यशपाल शर्मा, प्रोजेक्ट के पीआई, डॉ पीएस यादव व उनकी पूरी टीम शामिल हुई और खुशियां बाटीं. संस्थान में क्लोनिंग की जागरूकता के लिए एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया. जिसमें हाइटैक डेयरी सिरसा के डेयरी मैनेजर व उनकी टीम तथा क्लोन सीमन प्रयोग करने वाले किसान भी शामिल हुए. संस्थान के सभी वैज्ञानिक व कर्मचारी भी इस सेमिनार में शामिल हुए ताकि क्लोंनिग से सम्बन्धित सही जानकारी किसानों तक पहुंचाई जा सकें. हिसार गौरव का यह 10 वां जन्मदिन वैज्ञानिक समुदाय के लिए गौरवपूर्ण क्षण है जो उत्पादकता बढ़ाने और आजीविका मे सुधार करने में विज्ञान की परिवर्तनकारी क्षमता को उजागर करता है.
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