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Fisheries: भारत में जापान और फिलिपींस जैसे देशों की तर्ज पर मछुआरों को मिलेगा बीमा का फायदा

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हाइब्रिड मोड में मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इंश्योरेंस पर हुए राष्ट्रीय सम्मेलन की तस्वीर.

नई दिल्ली. मत्स्य पालन पशुपालन डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने पूसा नई दिल्ली में हाइब्रिड मोड में मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इंश्योरेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया. अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने कहा कि सभी हितधारकों से वसूल इंश्योरेंस योजनाओं के लिए निर्देश तैयार करने के लिए अपने सुझाव इनपुट के साथ आगे आने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि ग्रुप एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम काफी सफल रही है और इसी तरह की सफलता को मछुआरा समुदाय के बीच भी फसल बीमा और वेसल्स बीमा के लिए इस्तेमाल होना चाहिए. उन्होंने कहा की नई योजना बनाते समय जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न मुद्दों की ध्यान में रखना चाहिए. उन्होंने सम्मेलन को सभी हितधारकों के लिए काफी मददगार बताया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने लाभार्थियों को ग्रुप एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम (जीएआईएस) के चेक वितरित किए. कार्यक्रम में विभाग के सचिव डॉक्टर अभिलक्ष लिखी, संयुक्त सचिव सागर मेहरा और नीतू कुमारी भी उपस्थित थे.

समिति का किया गया है गठन
मध्य प्रदेश के विभाग के सचिव डॉक्टर अभिलक्ष लिखी ने कहा कि विभाग जापान और फिलिपींस जैसे अन्य देशों में मछुआरों के लिए सफल बीमा मॉडल का अध्ययन करेगा और उनके अनुभवों को स्थानी परिस्थितियों के अनुसार अनुकूलित किया जाएगा. सरकार कंपनियों से वेसल्स बीमा योजना को बढ़ावा दे रही है और ऐसी योजना के लिए समान मापदंडो पर का करने के लिए समिति का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि मछुआरा समुदाय के लिए विश्वास की कमी को दूर करने के लिए फसल बीमा के तहत योजना की समीक्षा की जा रही है. कहा कि ग्रुप एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सभी सबसे पुरानी और सबसे सफल योजना है.

इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
कार्यक्रम का उद्देश्य मत्स्य पालन बीमा से संबंधित सभी हितकर धारकों के बीच साझेदारी बढ़ाना है. इसके अलावा सहयोगी पहल, सर्वोत्तम प्रथाओं और इनोवेशन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास में लक्ष्य निर्धारित करना, किसानों तथा मछुआरों को प्रभावशाली अनुभव एवं सफलता की कहानियों के माध्यम से बीमा कवरेज अपने के लिए प्रेरित करना और जागरूकता बढ़कर मत समुदाय के भीतर एक्वाकल्चर बीमा अपने आने की दर को बढ़ावा देना है. वहीं मत्स्यपालन में बीमा के माध्यम से जोखिम को न्यूनतम करना, भारत में जलीय कृषि और वेसल्स बीमा की कमियां/चुनौतियां और संभावनाएं, विभिन्न बीमा उत्पाद और उनकी विशेषताएं जिन्हें मत्स्यपालन क्षेत्र में लागू किया जा सकता है, मत्स्यपालन के लिए फसल बीमा में क्षतिपूर्ति आधारित और सूचकांक आधारित बीमा अवसर, मत्स्यपालन में पुनर्बीमा की भूमिका, मत्स्यपालन क्षेत्र में सूक्ष्म बीमा की भूमिका और न्यूनतम परेशानी में त्वरित दावा निपटान प्रक्रिया के लिए सर्वोत्तम अभ्यास पर चर्चा हुई.

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