Home पशुपालन Sheep Farming: मुनाफे का सौदा है भेड़ पालन, एक्सपर्ट से जानिए कैसे कर सकते हैं शुरुआत
पशुपालन

Sheep Farming: मुनाफे का सौदा है भेड़ पालन, एक्सपर्ट से जानिए कैसे कर सकते हैं शुरुआत

ganjam sheep
गंजाम भेड़ की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. खासतौर पर लघु सीमांत किसान, खेती किसानी के साथ-साथ पशुपालन की ओर भी रुख कर रहे हैं. पशुपालन में कई पशुओं को पालकर वह अपनी आजीविका चलाते हैं. इन्हीं पशुओं में से भेड़ को भी पालकर अच्छा खासा फायदा उठाया जा सकता है. अक्सर पशुपालकों के जहन में यह सवाल आता होगा कि भेड़ पालन उनके लिए लाभदायक साबित हो सकता है या नहीं. आइए इसी सवाल का जवाब इस आर्टिकल में जानते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि निश्चित रूप से या लाभदायक हो सकता है, लेकिन केवल माध्यम से उच्च पैमाने पर दुनिया भर में लाखों लोग भेड़ पालन से अपनी आजीविका चलाते हैं और काफी ज्यादा मात्रा में आय प्राप्त करते हैं. हालांकि जैसा कि सभी फसलों और मवेशी एवं गतिविधियों में होता है पहले वर्ष केवल ज्यादा फायदे वाला नहीं होता है.


विशेषज्ञों के मुताबिक दूध के लिए तीन से चार भेड़ का पालने के साथ शुरुआत कर सकते हैं और कभी बाहर ले जाएं तो नर भेड़ से संबंध बना सकते हैं. इससे कुछ वर्षों में ही स्वाभाविक रूप से आपके मवेशियों की संख्या में इजाफा हो जाएगा. तब तक आपके पास सभी प्रकार की भेड़ की संभालने का और सभी प्रकार के खर्चों को नियंत्रित करने का अनुभव भी हो जाएगा. इसके साथ-साथ मांस, दूध या ऊन बेचने के लिए बाजार तक की जानकारी आपको मिल जाएगी.

भेड़ों की संख्या पर निर्भर करता है फायदा: अच्छा पैसा कमाने के लिए केवल भेड़ पालन पर अपनी आजीविका चलाने के लिए आवश्यक भेड़ की न्यूनतम संख्या कई, पैमानों पर निर्भर करती है. जैसा कि लगभग सभी फसलों और मवेशी गतिविधियों के साथ होता है कि आपको पेशेंस रखना होगा. आप केवल 10-15 भेड़ रखकर भेड़ पालन से अपनी जीविका नहीं चला सकते हैं. क्योंकि इसके लिए आवश्यक निर्धारित संचालन लागत तक पहुंच सकती है. ऐसे में कई भेड़ पालक को 80 से 100 भेड़ पालकर उनसे अपनी आजीविका चलाने का दावा करते हैं लेकिन सामान तौर पर यह पालक प्रचुर और विविध वनस्पतियों वाले जंगलों के आसपास रहते हैं और अपनी भेड़ को चारे पर पलते हैं.

कम पैसे में काम चल जाता है: इसलिए ज्यादातर समय उनको खाने के लिए पैसे का खर्च नहीं करना पड़ता. सर्दियों के दौरान कुछ आहार पूरक हो या अनाजों पर बहुत कम मात्रा में पैसे खर्च करने पड़ते हैं. गर्मियों के मौसम में हरा चारा, पेड़ के पत्ते और अन्य घरेलू आहार दे सकते हैं. सभी मामलों में भेड़ को खरीदना और रखना और उनके भोजन दूध निकालने के उपकरण और दवाओं पर सबसे ज्यादा लागत आती है. इसके अलावा आपको भेड़ के मांस को काटने और संसाधित करने के लिए उनके दूध को रखने संसाधित करने के लिए गोदाम और स्थान की जरूरत होती है. कई देशों में उनके लिए बहुत ज्यादा कठोर नियम है. इसलिए ज्यादा भेड़ पालक इन गतिविधियों से बाहर सही करवाते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

अरुणाचल प्रदेश में, ब्रोक्पा बड़ी मोनपा जनजाति की एक उप-जनजाति है, जो पूर्वी हिमालयी क्षेत्र के पश्चिमी कामेंग और तवांग जिलों में निवास करती है.
पशुपालन

Arunachali Yak: अरुणाचल प्रदेश की पहचान है अरुणाचली याक, जानिए इसकी खासियत

फाइबर के माध्यम से आश्रय और कपड़े प्रदान करते हैं और कठिन...

Why did NDRI say, separate AI department is needed for research and development activities
पशुपालन

Indian Dairy: NDRI से देश को मिलेंगी 98 फीमेल डेयरी साइंटिस्ट और एक्सपर्ट, 22 को मिलेगी डिग्री

जिन साइंटिस्ट को मेडल आदि दिया जाना है उन्हें भी सूचित किया...

animal husbandry
पशुपालन

Animal Husbandry: अच्छा बछड़ा या बछिया चाहिए तो आजमाए ये टिप्स, आमदनी होगी डबल

भैंस के बच्चे को तीन माह तक रोजाना उसकी मां का दूध...

livestock
पशुपालन

Animal News: गर्मी में डेयरी पशुओं को लू से बचाने के लिए पढ़ें टिप्स

पशुओं को लू से बचाने के लिए ठंडी छाया के साथ पोषण...