नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनाव में योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों को फ्री इलेक्ट्रिसिटी इरिगेशन देने का वादा किया था और सरकार ने किसानों को 2023 से अब तक नलकूप की बिजली बिल माफ करने का ऐलान भी कर दिया है. हालांकि सरकार की ओर से इसमें एक शर्त भी लगा दी गई है. इसके मुताबिक इस योजना का फायदा उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिन पर पिछले साल का बिजली बिल का बकाया नहीं होगा. बताया जा रहा है कि 2023 से पहले यदि किसी किसान का बिजली का बिल बकाया नहीं है तो उसे 2023 से अब तक बिजली बिल माफ का फायदा नहीं मिलेगा.
ऊर्जा विभाग की ओर से बताया जा रहा है कि सरकार पहले से निर्धारण नीति के तहत किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने की योजना में किसानों के प्राइवेट ट्यूबवेल पर बिजली बिल माफ कर रही है. योगी कैबिनेट ने 5 मार्च के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए राज्य के रूरल एरिया से मौजूद 14.73 लाख निजी नलकूपों के बिजली बिल माफ कर दिया था. यूपी सरकार ने दावा किया था. बिल माफी योजना से प्रदेश के लगभग 1.5 करोड़ किसानों को फायदा होगा.
किन किसानों को माना जाएगा पात्र
कहा जा रहा है कि बिजली माफी जुड़ी नीति में प्रावधान है कि किसी निश्चित अवधि से पहले बिजली के बिल माफ करने के लिए उन्हें किसानों को पात्र माना जाएगा. जिनके पास उसे अवधि से पहले का बिल बकाया न हो. साफ है कि मौजूदा योजना के तहत यूपी में वित्तीय वर्ष 2023—24 की पूरी अवधि में 1 अप्रैल 2023 31 मार्च 2024 तक की किसानों के निजी नलकूपों के बिजली माफ कर दिए गए हैं. इसके लिए सरकार ने 2400 करोड़ रुपये का बजट दिया है. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का कहना है कि आगामी वित्तीय वर्ष 2014-25 में किसानों को बिजली बिल माफ करने के लिए सरकार ने 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
पहले ड्यू पेमेंट करना होगा
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि किसानों को बिजली बिल माफी योजना के लाभ लेने के लिए ड्यू पेमेंट का भुगतान करना होगा. इसके लिए 31 मार्च 2023 से पहले बकाया बिल जमा करना होगा. किसान मार्च से पहले बकाया बिल जमा कर देंगे तो उन्हें भी माफी क्या फायदा मिल जाएगा. इस योजना के लिए यूपी में बुंदेलखंड सहित अन्य इलाकों में किसानों को खासा उत्साह देखने को भी मिल रहा है.
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