Home पशुपालन Animal Husbandry: इन 12 लक्षणों से जानिए पशुओं में कैल्शियम की कमी, सेहत और दूध पर पड़ता है असर
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Animal Husbandry: इन 12 लक्षणों से जानिए पशुओं में कैल्शियम की कमी, सेहत और दूध पर पड़ता है असर

दुधारू पशुओं के बयाने के संकेत में सामान्यतया गर्भनाल या जेर का निष्कासन ब्याने के तीन से 8 घंटे बाद हो जाता है.
गाय-भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. इंसान हों या फिर पशु, हर किसी के शरीर को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है. जब शरीर में पोषक तत्व की कमी हो जाती है तो इसकी वजह से पशुओं के शरीर में तमाम समस्याएं पैदा हो जाती हैं. पशुपालन में भी इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि पशुओं को ऐसा दाना व पानी दिया जाए कि जिससे उनमें पोषक तत्वों की कमी न आ पाए. अगर पशुओं में कैल्शियम की कमी हो गई तो इससे उत्पादन में भी असर पड़ेगा और पशुओं की सेहत पर भी इसका असर पड़ेगा.

स्वस्थ्य पशु अच्छी इनकम देता है, ये सभी जानते हैं. कुछ छोटे से टिप्स से पशुओं को अच्छी सेहत दी जा सकती है. एक्सपर्ट के मुताबिक कैल्शियम की कमी की वजह से पशु को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ये समस्या न केवल पशुपालक को नुकसान पहुंचाती हैं. इसके अलावा पशुओं में दूध उत्पादन से क्षमता से लेकर कई तरह की दिक्कतें होने लगते हैं. अगर आप भी कैल्शियम की कमी के लक्षणों से जुड़ी जानकारी चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है. यहां हम आपको बताएंगे कि कैल्शियम की कमी के लक्षण क्या हैं? और इसके कैसे पता किया जा सकता है.

कैल्शियम की कमी के मुख्य कारण
प्रसव के तुरंत बाद गाय का बैठ जाना या गर्दन मोड़ के थनों को देखना.
आहार के बाद भी लगातार कमजोर होते रहना.
गर्भावस्था में लड़खड़ा कर चलना और गिर जाना.
चलते समय पशु की हड्डियों से आवाज आने लगती है.
हड्डियां मुड़ जाती हैं और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.
पशु दूध कम देने लगता हैं.
कई बार पशु गाभिन भी नहीं हो पाता है.
गर्भ भी न ठहरता है.
गर्भपात होने का भी खतरा रहता है.
चो या जख्म होने पर लगातार खून बहता रहता है. खून नहीं रुकता है.
लंगड़ापन भी पशुओं में हो जाता है.

कैल्शियम की कमी होने पर क्या करें
ऊपर दिए गए सभी लक्षण इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पशु के शरीर में कैल्शियम की कमी हो गई है. गाय और भैंस के शरीर में पोषक तत्वों की कमी पता लगाने पर लक्षणों की पहचान होने पर आपको उपचार की शुरुआत कर देना चाहिए. इसके अलावा पशुओं को कैल्शियम के डोज भी दिलवाते रहना चाहिए. ध्यान रहे कि खुद से डॉक्टर बनने की कोशिश न करें. चिकित्सा की सहायता लें. पशु की इलाज प्रक्रिया में किसी भी तरह के लापरवाही ना बढ़ाते हैं.

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