Home पशुपालन जर्सी और एचएफ ही नहीं, अगर इन विदेशी गायों को पाला तो दूध से कर देंगी मालामाल, जानिए इनके बारे में
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जर्सी और एचएफ ही नहीं, अगर इन विदेशी गायों को पाला तो दूध से कर देंगी मालामाल, जानिए इनके बारे में

hf cow milk production
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. ग्रामीण इलाकों में रहने वाले ऐसे लोग जिनका जीवन पशुपालन पर निर्भर करता है और वह आज भी अपना गुजारा गाय या भैंस के जरिए निकलने वाले दूध को बेचकर करते हैं. अब ज्यादातर पशुपालकों के दिमाग मे रहता है कि अगर हम जसी या एचएफ नस्ल की गाय को पालेंगे तो बहुत ज्यादा दूध देगी, लेकिन ऐसा नहीं हैं. दुनिया में ऐसी कई गायों की विदेशी नस्ल हैं, जिन्हें अगर पालेंगे तो वो आपको दूध से मालामाल कर देगी. अब सवाल पैदा होता है कि पशुपालक इन विदेशी नस्ल की गायों की पहचान कैसे करें.

पशुपालक गाय पालकर दूध बेचते हैं अगर उनके पास दुधारू गाय होती है तो इससे वह अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं लेकिन अगर दुधारू गाय नहीं हुई तो कमाई कम होती है. जब कभी पशुपालक नए पशुओं को खरीदने के लिए जाते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि दुधारू गाय की पहचान कैसे करें. अगर उन्हें पहचान करना नहीं आता तो उनका नुकसान हो जाएगा.

ये भारत की गाय की प्रमुख नस्लें
पहले हमारे देश में गाय की 41 पंजीकृत नस्ल की थी अब इसमें 10 को और जोड़ दिया है। ऐसे में 51 रजिस्टर्ड नस्ल हो गई हैं. भारत में गिर गाय, साहीवाल गाय, राठी गाय, नागौरी गाय, थारपारकर गाय, हरियाणवी गाय, कांकरेजगाय, बद्री गाय, पुंगनुर गाय,लाल सिंघी गाय, आदि नाम की बेहतरीन ब्रीड है, जो दूध देने में बहुत अच्छी हैं. इनके साथ ही हमारे देश में विदेशी नस्ल की भी गायों को पाला जाता है. भारत में सबसे ज्यादा दो विदेशी नस्ल एचएफ और जर्सी गाय प्रचलन में हैं. इन दोनों गायों को ज्यादा दूध देने की वजह से पाला जाता है. एचएफ और जर्सी नस्ल की गाय 50 से 70 लीटर तक दूध देती हैं. जर्सी नस्ल की गायों ने 76-77 लीटर तक दूध दिया है. लेकिन देसी नस्ल की गायों के मुकाबले विदेशी नस्ल की गायों के दूध को कमजोर ही माना जाता है.

विदेशी से देसी गाय के दूध का घी होता हैअच्छा
डेयरी एक्सपर्ट अरुण जैन के अनुसार गाय के दूध का ए-2 होना बहुत अच्छा माना जाता है. ए-2 दूध को देसी घी के लिए बेहद ही अच्छा माना जाता है. इसमें से ए, डी, ई और के जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इस घी का जायका भी बेहद अच्छा होता है. साथ ये पचने में भी अच्छा होता है. इस घी में बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी अच्छी होती है. जबकि विदेशी नस्ल की गायों के दूध में ए1 पाया जाता है.

ऐसे करें विदेशी नस्ल की गाय की पहचान
एचएफ नस्ल की गाय 25-30 लीटर तक दूध देती है। इसके शरीर पर सफेद और काले रंग के धब्बे होते हैंअ
जर्सी गाय 30-35 लीटर दूध देती है. जर्सी गाय का रंग हल्का लाल और पीला होता है.
चियानिना गाय 15-20 लीटर तक दूध देती है. इसका रंग स्लेटी और उसका कद ऊंचा होता है.
ब्राउन स्विस गाय 20-30 लीटर तक दूध दे सकती है. इसका रंग ब्राउन होती है.
आयर शायर गाय 20 से 25 लीटर तक दूध देती है. सफेद रंग पर ब्राउन या लाल रंग के धब्बे होते हैं. जबकि वजन 450 से 600 किलो तक होता है.
ग्वेर्नसे गाय करीब 17-23 लीटर तक दूध देती है। इसका रंग सुनहरा होता हैअ।
रेड डेन गाय 12-15 लीटर दूध देती है और इसका रंग गहरा लाल होती है.
गिरलांडो गाय 50-100 लीटर तक दूध देती है। इसका रंग सफेद और शरीर पर काले धब्बे होते हैं.
अमेरिका ब्राह्मण गाय महज दो से चार लीटर ही दूध देती है.

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