नई दिल्ली. जर्सी नस्ल की गाय सबसे पहले यूके के जर्सी दीप में पाई गई थी. इसी वजह से इसका नाम भी इसी दीप के नाम पर जर्सी रख दिया गया. इस नस्ल की गाय के बारे में कहा जाता है कि यह पशुपालकों के लिए लग गई किसी लॉटरी से कम नहीं है. क्योंकि यह गाय इतना ज्यादा दूध देती है कि पशुपालक मालामाल हो जाते हैं. हालांकि इसके लिए जरूरी ये भी होता है कि पशुपालक इसका ठीक ढंग से ख्याल रखें. मौजूदा दौर के पशुपालक जर्सी गाय को पालना बेहद ज्यादा पसंद करते हैं. इस नस्ल की यह भी खासियत है कि इसे दुनिया के किसी भी कोने में पाला जा सकता है.
यही वजह है कि जर्सी गाय को आप आसानी से कहीं भी देख सकते हैं. यह हर जगह पाली जाती है. जबकि दूध देने की क्षमता के कारण ये पशुपालकों की पहली पसंद भी होती है. इसका दूध निकालकर पशुपालक अच्छी खासी कमाई करते हैं. रोजाना इस नस्ल की गाय 15 से 25 लीटर के बीच दूध देती है जो पशुपालकों के लिए बहुत ही फायदे का सौदा होता है. वहीं इस नस्ल की गाय के बारे में कहा जाता है कि इस नस्ल की गाय एक ब्यात में 3500 से 4000 लीटर दूध उत्पादन करती है. इसके दूध में ए1 प्रोटीन पाया जाता है.
गाभिन कराने के बाद क्या करें
किसी भी पशुपालक के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि जर्सी गाय का ख्याल किस तरह रखा जाए और यह सवाल बेहद बड़ा और अहम भी है. अगर पशुपालकों द्वारा जर्सी गाय का ख्याल ठीक ढंग से नहीं रखा गया तो उसका असर दूध उत्पादन पड़ता है. ऐसे में नुकसान पशुपालकों में झेलना पड़ता है. इसलिए इसका ख्याल अच्छे ढंग से रखना खानपान को लेकर सचेत रहना बेहद जरूरी होती है. इस आर्टिकल में हम बात कर रहे हें कि जब जर्सी गाय गाभिन कराई गई है तो फिर उसका ख्याल कैसे रखा जाए. उसे कितनी मात्रा में चारा-पानी आदि दिया जाए. अगर आपको भी इसकी जानकारी करना है तो पूरा आर्टिकल पढ़ें.
इस हिसाब से खिलाएं चारा
एक्सपर्ट का कहना है की जर्सी नस्ल की गाय को रोजाना हरा चारा सूखा चारा देना चाहिए. एक गाभिन जर्सी गाय को रोजाना 20 से 25 किलो चारा दिया जा सकता है. गाभिन जर्सी गाय को शुरुआती 3 महीने के दौरान केवल साधारण आहार देना चाहिए. उसके आहार में प्रोटीन लवण आदि को शामिल करें. 3 से 6 महीने के गर्भकाल के दौरान जर्सी गाय के आहार की मात्रा को बढ़ाने और इस दौरान प्रोटीन लवण और कैल्शियम सामग्री को जरूर देना चाहिए. 6 महीने से लेकर 9 महीने के दौरान जर्सी गाय को पाचक प्रोटीन लवण विटामिन और मिनरल्स देना जरूरी होता है. इसकी मात्रा आप पशुपालक से पशु चिकित्सक पता कर सकते हैं.
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