Home पशुपालन Animal Husbandry: गर्मी में पशुओं की किस तरह करें देखभाल, इस बारे में पढ़ें यहां
पशुपालन

Animal Husbandry: गर्मी में पशुओं की किस तरह करें देखभाल, इस बारे में पढ़ें यहां

nagpuri buffalo, livestockanimalnews, milk production
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. पशुओं को गर्मियों के दिनों में खास देखभाल की जरूरत होती है. खासतौर पर डेयरी पशुओं की. क्योंकि जो पशु दूध देते हैं, उनका गर्मी के दिनों में दूध उत्पादन कम हो जाता है. पशु के रहने के स्थान उनकी देखभाल आदि खास और ज्यादा जरूरत होती है. ज्यादा गर्मी है तो क्या करना चाहिए? पशुओं को ठंडा रखने के लिए क्या-क्या उपाय किया जा सकते हैं? इन सब बारे में पशुपालक को पता होना चाहिए. इतना ही नहीं गर्ववति पशुओं का भी ज्यादा ख्याल रखना होता है.

अगर एक बार पशुओं को गर्मी की वजह से तनाव हो गया तो जहां दूध उत्पादन तो काम होगा ही. साथ ही कई बार पशु बीमार भी होने लग जाएंगे. ऐसी स्थिति में पशुओं के बीमारी से उभारने का खर्चा और दूध उत्पादन कम होने से नुकसान. पशुपालक के कंधों पर दो तरह का बोझ आ जाएगा. इससे उन्हें दोहरा नुकसान भी होगा.

पशु की हेल्थ का ख्याल
परिवहन:
पर्याप्त वेंटिलेशन के बिना वाहनों या ट्रेलरों में जानवरों को छोड़ने से बचें, औरपालतू आश्रयों को सीधी धूप से दूर रखें. गर्मी में जानवरों कहीं भी ले जाने से बचें. इसके बजाय, उन्हें उतार दें और पानी की पहुंच वाले छायादार क्षेत्र में आराम करने दें.

बाल हटाना: जानवरों को ठंडा रहने में मदद करने के लिए अतिरिक्त बाल या ऊन हटा देना ही सबसे उचित होगा.

गर्मी के तनाव से सावधानी: गर्मी के तनाव के प्रति संवेदनशील नस्लों से सावधान रहें और टीकाकरण से बचें.

नहलाना: जानवरों को दिन में कम से कम एक बार नहलाएं, अगर हो सके तो दो बार भी नहलाया जा सकता है.

विशेष देखभाल: युवा, गर्भवती या दूध पिलाने वाले जानवरों की अतिरिक्त देखभाल करें और उनकी बारीकी से निगरानी करें.

आवास प्रबंधन
वेंटिलेशन: उचित वेंटिलेशन के लिए पशु शेड के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखें. ज्यादा धूप में पशुशाला में गीला बोरा बांधें. ये बैग प्राकृतिक बाष्पीकरणीय कूलर के रूप में कार्य करते हैं.

गर्मी से राहत दिलाना
ज्यादा भीड़-भाड़:
पशु आवास में भीड़-भाड़ से बचें और गर्मियों के दौरान फर्श की जगह बढ़ाएं. अगर संभव हो सके तो.

छत और इन्सुलेशन: धान के भूसे आदि जैसी सामग्री से छत को ढंकना, छत को पेंट करना सफ़ेद पेंट से, या फॉल्स सीलिंग इन्सुलेशन प्रदान करने से ठंडा वातावरण प्रदान करने में मदद मिलेगी.

शीतलन प्रणाली: जानवरों के आसपास पानी से कम से कम तीन बार धुंध/फॉगिंग करना
पंखे के साथ एक घंटा मिलाकर गर्म, शुष्क परिस्थितियों में फायदेमंद है. एक स्वचालित मिस्टर या फॉगर मिनी पंप और चक्रीय टाइमर के साथ लगाएं.

दीवार बनाना: तापमान-आर्द्रता सूचकांक (टीएचआई) में वृद्धि को रोकने के लिए वेंटिलेशन भी जरूरी है और अभ्यस्त प्रजातियों के लिए दीवार बनाने की व्यवस्था रखी जानी चाहिए.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

exotic cow breeds in india
पशुपालन

Animal Husbandry: कितना और कब खिलाना चाहिए यूरिया वाला चारा, बनाने का तरीका भी जानें

यूरिया घोल को पौधों में पानी देने वाले झारे से फैलाएं और...

livestock animal news
पशुपालन

Animal News: पशु को लग जाय ठंड तो घर पर बनी इस दवा की खिलाएं एक खुराक, तुरंत मिलेगा आराम

इसे अच्छी तरह से कूट लें और फिर बछड़े-बछड़ी वैसे ही खिला...