Home पशुपालन Green Fodder: गर्मियों में पशुओं को खिलाएं ये हरा चारा, इसमें पाए जाते हैं कई पौष्टिक गुण, पढ़ें डिटेल यहां
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Green Fodder: गर्मियों में पशुओं को खिलाएं ये हरा चारा, इसमें पाए जाते हैं कई पौष्टिक गुण, पढ़ें डिटेल यहां

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. गर्मियों पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराना पशुपालकों की सबसे बड़ी चिंता है. कैसे और कौन सा हरा चारा खिलाया जाए कि पशुओं को तमाम पौष्टिक गुण मिले जाएं और इससे पशु स्वस्थ रहें और ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करें. अगर आपकी भी ये समस्या है तो यहां हम आपको ऐसी ही फसल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे पशुओं को तमाम पौष्टिक गुण भी मिलेंगे और इस हरे चारे को खिलाने कई और भी फायदे हैं. जबकि इस हरे चारे की फसल से जमीन की उपजाऊ शक्ति को भी बढ़ाया जा सकता है.

दरअसल हम बात कर रहे हैं रिजका फसल की. इसमें बहुत ही पौष्टिक गुण पाये जाते हैं. जोकि पशुओं के उचित विकास एवं वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं. दलहनी कुल की फसल होने की वजह से इसके चारे में प्रोटीन एवं कार्बोहाइड्रेड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. जबकि इसे सूखे एवं हरे चारे के अलावा फसल से बीज भी प्राप्त होते हैं. एक्सपर्ट ये कहते हैं कि इससे मृदा की उपजाऊ शक्ति को भी बढ़ा सकते हैं.

अक्टूबर से नवंबर में होती है बुवाई
एक्सपर्ट का कहना है कि रिजके के लिए दोमट भूमि सर्वोत्तम है. वैसे बलुई दोमट से चिकनी दोमट में भी यह सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है. भूमि की एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें। तथा 2-3 जुताई देशी हल से करके पाटा लगाना चाहिए. बीज की मात्रा की बात की जाए तो 10 15 किग्रा/हैक्टयर है. नई जमीन में बीज को कल्चर से उपचारित कर बोयें. उपचार हेतु एक पैकेट कल्चर एक हैक्टेयर के बीज के लिए पर्याप्त है. जरूरत के मुताबिक पानी में 125 ग्राम गुड़ का घोल (आवश्यकतानुसार पानी गर्म करके) तैयार करके ठण्डा करें. फिर इसमें कल्चर को अच्छी तरह से मिला दें. यह घोल बीजों में अच्छी तरह से मिला दें. इसके बाद बीजों को छाया में सुखाकर कतारों में या खड़े पानी में छिटकवां विधि से बोयें.

खाद व उर्वरक के बारे में जानें यहां
30-40 गाड़ी गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर जरूरत होगी. 20 किलो नत्रजन एवं 80 किलो फास्फोरस प्रति हेक्टेयर की मात्रा बुवाई के समय देना चाहिए. बहुवर्षीय फसल में 10 किलो नत्रजन एवं 40 किलो फास्फोरस हर हेक्टेयर की मात्रा प्रति वर्ष दें. सिंचाई 15-20 दिन के गैप पर करना चाहिए. खरपतवार नियंत्रण रिजका की फसल में अमरबेल तथा सत्रीय खरपतवारों के नियंत्रण के लिए पेन्डीमेथालिन की 1.0 किलोग्राम सक्रिय तत्व मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से रिजके की बुवाई के बाद (उगने से पहले) रेत में मिलाकर भुरकाव कर किया जा सकता है.

कब उपलब्ध होगा चारा
इमेजथापाइर की 76 ग्राम सक्रिय तत्व मात्रा प्रति हैक्टेयर के हिसाब से 500 लें. पानी में घोल बनाकर बुवाई पूर्व खेत की अन्तिम तैयारी के समय छिड़काव कर भूमि में मिलाया जाकर भी किया जा सकता है. कटाई की बात की जाए तो रिजके की पहली कटाई बुवाई के 60 दिन बाद करनी चाहिए. इसके बाद में 20-25 दिन के अन्तराल पर कटाई करें. चारा उपज की बात की जाऐ तो 300-500 क्विंटल/हैक्टर (एक वर्षीय), 1000 1500 क्विंटल/हैक्टर (बहुवर्षीय) है. किस्मों की बात की जाए कृष्ना, टी-9, आर एल 88 एवं आनंद-2 है.

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