Home पशुपालन Animal Husbandry: बारिश समेत हर मौसम में पशुओं को कितनी बार नहलाएं, क्या बरतें सावधानी, जानें यहां
पशुपालन

Animal Husbandry: बारिश समेत हर मौसम में पशुओं को कितनी बार नहलाएं, क्या बरतें सावधानी, जानें यहां

livestock animal news
प्रतीकात्मक फोटो:

नई दिल्ली. पशुपालन सिर्फ ये नहीं है कि पशुओं को खरीदकर पाल लिया जाए. पशुओं को खाने-पीने से लेकर उनकी अच्छे ढंग से देखरेख करना भी बहुत ही अहम होता है. अगर ऐसा न किया जाए तो फिर पशुओं को बीमारी लग सकती है और इससे पशुओं के उत्पादन पर तो असर पड़ेगा ही. साथ ही पशुओं की गंभीर बीमारी होने पर मौत भी हो सकती है. पशुओं की देखरेख की बात की जाए तो उसे नहलाना भी इसी का एक हिस्सा है. पशुपालकों को पता होना चाहिए कि किस मौसम में पशुओं को कितनी बार नहलाना चाहिए. इसमें क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए. आइए इस बारे में जानते हैं.

एक्सपर्ट का कहना है कि हफ्ते में एक या दो बार या सुविधानुसार प्रतिदिन स्वस्थ्य जानवरों को सदैव धोना और नहलाना चाहिए. बरसात के दिनों में सप्ताह में एक बार तथा जाड़े के महीने में एक या दो बार धूप के समय धोना चाहिये इसका दूध देने वाले पशुओं पर विशेष असर पड़ता है. इसलिये उनको नहलाने में सावधानी बरतनी चाहिये. दूध पीने वाले बछड़ों को नहलाने की जरूरत अधिकतर नहीं होती है. इसलिये उनके बालों की धार की तरफ ब्रशिंग की जाती है.

अच्छी तरह से रगड़कर करें साफ
एक्सपर्ट की मानें तो जानवरों को किसी प्रदर्शनी में ले जाने से पूर्व उनको धोने की आवश्यकता होती है. बार-बार धुलाई करने से बाल मुलायम व खुले रहते हैं. उनकी जल्दी बढ़ोत्तरी होती है तथा त्वचा साफ रहती है. इस प्रक्रिया में बालों को गीला करना, साबुन से खूब झाग पैदा करना और अच्छी तरह धोना शामिल है. कभी भी जानवरों को पालिस किए हुए कॉक्रीट या लकड़ी के फर्श पर नहीं धोना चाहिए क्योंकि सतह गीली होने पर फिसलने का खतरा रहता है. पशु बाांधने हेतु रस्सी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योकि रस्सी गीली होने से फूल जाती है जिससे गले द्वारा साँस लेने में रूकावट हो सकती है और कभी-कभी जानवर की मृत्यु हो जाती है.

आवास को भी रखें साफ
पशु को घूमने के लिये ज्यादा स्थान नही देना चाहिये इससे चोट लगने की संभावना रहती है. वहीं पशुओं को नहलाते समय साबुन आँख और कान में न चला जाये इससे चिरचिरी होती. इसके अलावा पशुओं के आवास का भी ख्याल रखना चाहिए. पशुओं के लिए अच्छे डिजाइन के आवास उपलब्ध कराना ही पर्याप्त नहीं होता है. बल्कि आवासों की तथा उनमें रखे गये उपयोगी सामान की लगातार सफाई करने की आवश्यकता होती है. गोशाला को धूल व गन्दगी के अलावा बीमारी पैदा करने वाले जीवाणु से भी मुक्त रखना चाहिये. डिसइंफेक्शन का उपयोग गोशाला में प्रतिदिन होता है. इसकी जरूरत संक्रामक रोगों के फैलने के समय और बढ़ जाती है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

barbari goat farming
पशुपालन

Goat Farming: बकरी पालन से नुकसान नहीं बल्कि होते हैं कई फायदे, जानें एक्सपर्ट की राय क्या है

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) की ओर से से लाइव स्टक...

Goat Farming, Goat Farm, CIRG, Pure Breed Goat
पशुपालन

Goat Farming: बारिश में बकरियों का ऐसे रखे ख्याल तो नहीं लगेगी कोई बीमारी, पढ़ें डिटेल

अगर बकरियों को ठीक से आहर दें तो स्वास्थ्य ठीक रह सकता...

livestock animal news
पशुपालनसरकारी स्की‍म

Animal Husbandry: यूपी में खुरपका-मुंह पका रोग को रोकने को महाअभियान, करा रहे वैक्सीनेशन

पशु विभाग की टीमें गांव-गांव पहुंचकर गोवंशीय और पशुओं का टीकाकरण कर...

barbari goat, Goat Breed, Bakrid, Sirohi, Barbari Goat, Goat Rearing, CIRG, Goat Farmer, Moringa, Neem Leaf, Guava Leaf, goat milk, milk production
पशुपालन

Animal Husbandry: गर्भावस्था और प्रसव के दौरान इन बातों का जरूर ख्याल रखें बकरी पालक

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के मुताबिक इन बकरियों को ब्याने...