नई दिल्ली. गर्मी के दिनों में बकरी का दूध कम हो जाता है तो बारिश के दिनों में लापरवाही के कारण जानवरों में बीमारी लग जाती है. जब बीमारी लग जाती है तो दूध भी कम हो जाता है. इसलिए कुछ ऐसी बातें हैं, जिन्हें ठीक से अपने फार्म पर लागू कर देंगे तो बहुत सी परेशानियों से बचा जा सकता है. चिकित्सकों और विशेषज्ञों द्वारा बताए जाने वाले तरीकों को अपनाएं तो बकरी का दूध कम नहीं होगा न ही कोई बीमारी नहीं लगेगी. इसलिए आज कुछ इन्हीं बिंदुओं पर बात करने जा रहे हैं, जिन्हें अपने फार्म पर अपनाकर बकरी का दूध बढ़ा सकते हैं.
भारत में बकरी पालन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है और लघु-सीमांत किसान इससे अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं. खासतौर पर ग्रामीण इलाके में लोग अपने घरों में खेत में बकरियों को पलते हैं. बकरी पालन की सबसे ज्यादा खूबी ये है कि इसका पालन छोटी सी जगह में भी बड़ी आसानी से किया जा सकता है. मगर, कभी-कभी बारिश के मौसम में कई तरह की बीमारी बकरी को अपनी चपेट में ले लेतीं हैं तो जानवर का दूध कम हो जाता है. ऐसे में कुछ ऐसे तरीकों को अपना कर अपनी बकरी का दूध बढ़ा सकते हैं तो कई तरह की बीमारियों से भी बचा सकते हैं.
ऐसे बढ़ाएं बकरी का दूध और वजन
—बकरियों को नीम, बेर, स्ट्रॉबेरी, आम, जामुन, इमली, पीपल, कटहल, बबूल, महुआ आदि पेड़ों की पत्तियां बहुत पसंद होती हैं.
—बारिश के दिनों में बकरियों को बाहर चराने ने ले जाएं. उन्हें बाड़े में ही फीड कराएं और झाड़ियों और छोटे पेड़ों की पत्तियां खिलाएं.
—बकरियों को ऐसा चारा न खिलाएं कि जो दूषित हो और खराब हो.
—बकरियों को चारा देने से पहले सभी प्रकार के चारे को एक बंडल में लटकाकर रखना चाहिए. इसे किसी ऊंचे मंच पर रखना चाहिए और जहां तक संभव हो बकरियों को धूप में रखे पत्ते ही देने चाहिए.
कम जगह में ऐसे करें बकरी पालन
स्टार सांइटफिक गोट फार्मिंग के संचालक राशिद कहते हैं कि बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बकरी पालन लाभकारी है. मगर बारिश के दिनों में बकरी को खुले में न तो बांधे और न ही चराने ले जाएं. बरसात के मौसम में अगर अमरूद, नीम, मोरिंगा की पत्तियों को बकरियों को देंगे तो ये बहुत फायदेमंद होती हैं. इनमें प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है. इन पत्तियों में टैनिन और प्रोटीन होने की वजह से पेट के कीड़ों को मारने में मदद करती है. नीम, बेर, स्ट्रॉबेरी, आम, जामुन, इमली, पीपल, कटहल, बबूल, महुआ की पत्तियों को भी खिला सकते हैं. ये सब दूध बढ़ाने में मददगार होती हैं.
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