नई दिल्ली. पशुपालन में फीड का बहुत ही अहम रोल होता है. हर पशुपालक चाहता है कि उसके पशु तंदुरुस्त हों, लेकिन ये तभी संभव है जब पशुओं को उनकी जरूरत के हिसाब से फीड दी जाए. अगर पशुओं को उनके शरीर की जरूरत के साथ खाना—पानी नहीं मिला तो फिर वो कमजोर हो जाएंगे और इसका असर दूध उत्पादन पर भी पड़ेगा. इसका मतलब ये हुआ कि पशुपालन में फायदे की जगह पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ जाएगा. इसलिए जरूरी है कि पशुओं को रूटीन का खाना खिलाने के अलावा कुछ जरूरी चीजें भी दें, जिससे उनको पोषण मिल सके.
आमतौर पर पशुपालक और किसान भाई ये कहते नजर आते हैं कि हरियाणा नस्ल की गाय भैंस हो या फिर किसी अन्य नस्ल हो, अगर उसका पालन हरियाणा में किया जा रहा है तो वो बहुत अच्छी होती है. पशु तगड़ा होने के साथ चमकदार भी नजर आता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हरियाणा के लोग अपनी गाय और भैंस को बिनौला खिलाते हैं. आप भी भैंस या गाय को मोटा और तगड़ा करने के लिए बिनौला खिला सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि किसी भी सूरत में पशु को कच्चा बिनौला न खिलाएं. ऐसा करने से पशु की तबीयत बिगड़ सकती है. बिनौला भी रोस्ट या अच्छी तरह पका कर ही पशु को खिलाएं.
सोयाबीन खिलाएं, फर्क आएगा नजर
किसान और पशुपालक भाई अगर अपनी गाय भैंस को बाईपास फैट और बिनौले नहीं दे पा रहे, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है. इसका भी आप्शन है. वहीं उन्हें सोयाबीन खाने को दिया जा सकता है. आपको बता दें कि सोयाबीन किसी भी साधारण दुकान पर मिल जाती है और सोयाबीन को रोजाना पशु को अच्छी तरह रोस्ट करके खिलाया जा सकता है. आप शुरुआत में गाय या भैंस को केवल 100 ग्राम दें फिर धीरे–धीरे इसकी मात्रा बढ़ा सकते हैं. जिसे खाने के बाद पशु की सेहत अच्छी हो जाएगी.
सरसों का तेल और दाना भी दें
एक्सपर्ट के मुताबिक गाय और भैंस को तगड़ा करने का सबसे बेहतर और आसान तरीका है कि आप उसे सरसों के तेल के साथ दाना और खल खिलाना शुरू कर दें. अगर आप रोजाना सुबह शाम पशु को सरसों का तेल और दाना देते हैं तो इससे पशु में शारीरिक बदलाव देखने को मिलने लगेगा. जल्द ही पशु तंदुरुस्त नजर आने लगेगा. इसका असर ये भी होगा कि पशुओं का दूध बढ़ जाएगा और आपको ज्यादा फायदा होने लगेगा.
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