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Rose: 10 से 12 लाख रुपये लीटर बिकता है इस फूल का तेल, जानें वजह

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. बात चाहे इत्र कारोबार की हो या फिर परफ्यूम इंडस्ट्री की या पान मसाला का जिक्र किया जाए. इन क्षेत्रों में हर कोई अपने आप को अगले पायदान पर देखना चाहता है. जिससे उसे ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले. यही वजह है की खुशबू के इस बाजार में दमस्क या बुल्गारिया रोज की मांग सबसे ज्यादा रहती है. इसका साइंटिफिक नाम रोज डे मासीना है. एक्सपर्ट कहते हैं कि परफ्यूम इत्र और पान मसाला की इंडस्ट्री में दममस्क रोज का तेल और रोज वाटर का खूब इस्तेमाल होता है. बताया जा रहा है कि दमस्क रोज सीरिया में होता है लेकिन इसकी पैदावार दुनिया की अन्य देशों में भी हो रही है.

दमस्क रोज के तेल की भारत में भी बहुत ज्यादा डिमांड है. इसी डिमांड की वजह से इसके दाम आसमान छूते रहते हैं. देश के किसान दमस्क रोज की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकें और उनकी आय में इजाफा हो सके. इसको लेकर इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन बायो रिसोर्स टेक्नोलॉजी पालमपुर हिमाचल प्रदेश में लगातार रिसर्च की जा रही है. कई एक्सपोर्ट कहते हैं कि फूलों का तेल निकाला जाता है उन्हें खास वक्त पर सूरज निकलने से पहले तोड़ लिया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है कि धूप निकलने पर फूलों की नमी का असर उनके तेल की मात्रा पर न पड़े. फूल तोड़े जाने के 2 घंटे के अंदर ही तेल निकलने की प्रोसेसिंग शुरू हो जाती है.

इस वजह से है दाम ज्यादा
आईएसबीटी प्रोसेसिंग यूनिट के इंजीनियर डॉ. मोहित शर्मा कहते हैं कि बाजार में इसकी इतनी ज्यादा डिमांड है कि 10 से 12 लख रुपए प्रति लीटर लोग इसके दाम देने के लिए तैयार रहते हैं. बात चाहे राष्ट्रीय या फिर इंटरनेशनल बाजार की जाए. हालात के मुताबिक तेल के दाम ऊपर नीचे होते रहते हैं. आपको यह भी बताते चलें कि 1 लीटर तेल निकालने के लिए 3 से साढ़े 3 टन दमस्क रोज की जरूरत होती है. रोज वॉटर भी इतना ही तेज होता है कि किसी भी जरूरत के लिए उसकी कुछ बंदे ही काफी होती है.

अल्युमिनियम की बोतल में होता है पैक
वहीं फूलों से निकाले गए तेल या फिर परफ्यूम सभी को अल्युमिनियम की बोतल में अच्छी तरह से पैक करने का काम किया जाता है. इसके लिए कभी भी कांच की बोतल का इस्तेमाल नहीं होता है. खासतौर से फूलों का उपयोग तिल रखने के लिए किया जाता है. इस बारे में इंजीनियर मोहित शर्मा का कहना है कि फूलों के तेल में 100 से 150 कंपाउंड होते हैं. जबकि 10 से 15 से 16 कंपाउंड होते हैं. जो तेल में भूमिका निभाते हैं. अगर तेल पर सीधी रोशनी पड़ती है तो इसका असर उन कंपाउंड पर पड़ता है जो तेल को खराब कर देते हैं.

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