Home पशुपालन Cow Husbandry: इस गौशाला में गायों के खाने-पीने पर रोजाना खर्च होता है 40 लाख रुपये, यहां पढ़ें डिटेल
पशुपालन

Cow Husbandry: इस गौशाला में गायों के खाने-पीने पर रोजाना खर्च होता है 40 लाख रुपये, यहां पढ़ें डिटेल

livestock animal news
बरसाना की गौशाला में पल रहीं गायें.

नई दिल्ली. एक गौशाला ऐसी भी है, जहां गायों पर हर रोज लाखों रुपये खर्च होते हैं. यहां सिर्फ गायों के खाने-पीने पर 40 लाख रुपये का खर्च किए जाते हैं. यह खर्च सुबह से शाम तक का है. हो सकता है कि आप सुनकर हैरान हो गए हो लेकिन यह सच है. यह गौशाला कहीं और नहीं उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में है. मथुरा की इस गौशाला में रोजाना 40 लाख रुपये का खर्च गायों की खुराक पर होता है. गायों को सूखा चारा, हरा चारा और मिनरल्स दिया जाता है. इसके अलावा डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें विटामिन भी दिए जाते हैं.

दरअसल, यहां पर वो गाय पाली जाती हैं जो रोड पर घर के बाहर गांव में छुट्टा घूमती रहती हैं और उन्हें खाने-पीने को नहीं मिलता. इस वजह से बेहद कमजोर हो जाती हैं. इसलिए उन्हें विटामिन की जरूरत होती है और डॉक्टर उन्हें विटामिन देने की सलाह देते हैं. चूंकि विटामिन महंगा होता है और इसकी कीमत 5000 से 20 हजार रुपये तक होती है तो इसके चलते इसकी लागत बहुत ज्यादा आती है.

60 हजार गायें हैं मौजूद
अगर यहां गायों की संख्या की बात की जाए तो यहां 60 हजार गायें हैं. यह गौशाला मथुरा के बरसाना में स्थित है. 60 हजार गायों की देखभाल करने के लिए 300 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है, जो सुबह शाम गायों की देखभाल करते हैं. इसके अलावा कई मशीन भी हैं. जिसमें 55 ट्रैक्टर हैं. 5 जेसीबी है. 8 से 10 मिक्सर मशीन हैं, जो चारा बनती हैं और इसी मिक्चर मशीन से गायों के शेड में चारे सप्लाई किए जाते हैं. बताते चलें कि यह गौशाला 275 एकड़ जमीन में फैली हुई है. इसकी शुरुआत 7 जुलाई 2007 को पांच गायों के साथ की गई थी. जिसे रमेश बाबा ने शुरू किया था. इस गौशाला का नाम श्री माताजी गौशाला है. उसकी देखरेख का काम बृजेश शर्मा का के ऊपर है.

खुद की बनाई बिजली का होता है इस्तेमाल
बृजेश शर्मा का कहना है कि हर दिन यहां पर गायें लाई जाती हैं. अब संसाधनों की कमी होने लगी है. बहुत सोच समझ कर ही और देखपरख के बाद गायों को लेते हैं. क्योंकि दाखिला देने का मतलब सिर्फ यह नहीं है कि उनको छत दे दी जाए. उनको खुराक भी चाहिए. उनको देखभाल भी चाहिए और डॉक्टर की सुविधा भी चाहिए. जब हम सारी सुविधाओं को दे सकते हैं तभी गायों को एंट्री देते हैं. आपको यहां एक बात ये भी बताते चलें कि गौशाला से रोजाना 40 टन गोबर निकलता है. जिसमें से 35 तन से बायोगैस सीएनजी बनाई जाती है और इसी बायोगैस का इस्तेमाल गौशाला में बिजली के तौर पर किया जाता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
पशुपालन

Animal News: पशु को लग जाय ठंड तो घर पर बनी इस दवा की खिलाएं एक खुराक, तुरंत मिलेगा आराम

इसे अच्छी तरह से कूट लें और फिर बछड़े-बछड़ी वैसे ही खिला...

Foot-and-mouth disease, lameness disease, black quarter disease, strangulation disease, hemorrhagic septicemia, HS, live stock, live stock animals, animal husbandry, animal husbandry, animals sick in rain
पशुपालन

Animal Husbandry: चारे की कमी होने पर पशुओं को क्या-क्या खिलाया जा सकता है, इन 6 प्वाइंट्स में पढ़ें

गोखरू के पौधे हरी एवं मुलायम अवस्था बेहद पौष्टिक होती है. जिन...