नई दिल्ली. देशभर में मीट-मछली और इससे बने प्रोडक्ट की मांग में तेजी से इजाफा हो रहा है. वहीं अंडे खाने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. इस बात का पता संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब से चलता है. मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने सवाल के जवाब में इस ओर इशारा किया है. जवाब से पता चला है कि दाल, चावल और अन्य अनाज के मुकाबले अब लोग मीट-मछली और अंडे को खाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. पिछले दस के रिकॉर्ड पर गौर करें तो तीनों में 30 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ दर्ज की गई है.
सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी सवाल पूछा था. जिसके जवाब में मंत्री ने जवाब में कहा है कि डिमांड में तेजी से इजाफा हुआ है. गौरतलब है कि बढ़ती आय और खान-पान की बदलती आदतों के कारण दूध, मांस और अंडे जैसे पशु उत्पादों की मांग अनाज के प्रोडक्ट के मुकबाले तुलना में तेजी से बढ़ रही है.
सांसद ने क्या किया था सवाल
क्या इसन पशुपालन को फसल की खेती की तुलना में अधिक फायदेमंद बना दिया है. सांसद ने सवाल में पूछा है कि फसल और पशुधन क्षेत्रों के विकास पथ का ब्यौरा क्या है. उन्होंने बताया कि 1950 के दशक में 3.0 प्रतिशत से घटकर पिछले दशक में 1.5 प्रतिशत हो गई है और पशुधन की वृद्धि दर 3.0 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 7.5 प्रतिशत हो गई है. क्या कृषि और इसके संबद्ध क्षेत्रों में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में फसलों का हिस्सा भी निरंतर घट रहा है और केवल पिछले दशक में ही यह 65.4 प्रतिशत से घटकर 55.1 प्रतिशत रह गया है? यदि हां, तो अब तक का तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
जवाब में बताया हुइ है ग्रोथ
इसके जवाब में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि हां, नीति आयोग के “डिमांड एंड सप्लाई प्रोजेक्शन टूवर्ड्स 2033” संबंधी कार्य समूह द्वारा किए गए अनुमान के अनुसार दूध, अंडे जैसे पशु उत्पादों और अन्य मांसाहारी वस्तुओं जैसे मछली, अंडे और मांस की मांग में इजाफा हुआ है. उन्होंने अपने जवाब में आगे कहा कि साल 2011-12 की तुलना में वर्ष 2021-22 में लगातार 33%, 47%, 31% तक बढ़ने का अनुमान है. वहीं एक्सपर्ट भी कहना है कि खासतौर पर युवाओं में हैल्थ को लेकर ज्यादा अवेयरनेस बढ़ी है और पैक्ड फूड का चलन भी बढ़ा इसके चलते, मांस-मछली और अंडे की डिमांड में इजाफा हुआ है.
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