Home पोल्ट्री Poultry: इन 6 प्वाइंट्स में पढ़ें सर्दियों में मुर्गियों को कब कैसे पिलाना चाहिए पानी, पोल्ट्री फार्मिंग के फायदे भी जानें
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Poultry: इन 6 प्वाइंट्स में पढ़ें सर्दियों में मुर्गियों को कब कैसे पिलाना चाहिए पानी, पोल्ट्री फार्मिंग के फायदे भी जानें

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अंकलेश्वर नस्ल की फोटो.

नई दिल्ली. मुर्गी पालन बेहद ही कम लागत में किया जाने वाला बेहतरीन कारोबार है. मुर्गी पालन कर चाहते हैं तो इससे काफी फायदा उठा सकते हैं. मोटे तौर पर देखा जाए तो मुर्गी पालन के काम में 20 से 25 हजार रुपये की लागत लगाते हैं तो हर महीने महीने कम से कम 45 से 55 हजार तक की कमाई की जा सकती है. इस तरह देखा जाए तो सालाना लगभग 4 से 5 लाख रुपये तक का मुनाफा कमाया जा सकता है. इस कारोबार का ये भी फायदा है कि इसमें कई लोगों को रोजगार भी दिया जा सकता हे.

यही वजह है कि इसको लेकर सरकार भी मदद करती है. सरकार मुर्गी पालन के कारोबार को बढ़ावा देने का काम करती है. इसके लिए लोन और सब्सिडी की सुविधा दी जाती है. एससी-एसटी वर्ग के लोगों को 35 फ़ीसदी तक की सब्सिडी मिलती है. अगर आप भी मुर्गी पालन में हाथ आजमाना चाहते हैं तो जरूर करें और अच्छी कमाई करें. इस आर्टिकल में हम आपको मुर्गियों के जल प्रबंधन के बारे में बताने जा रहे हैं. क्योंकि मुर्गी पालन में कई बातों का ध्यान देना होता है, इसमें वॉटर मैनेजमेंट भी बहुत अहम है. मुर्गी पालन से जुड़ी अन्य खबरों के लिए लाइव स्टक एनिमल न्यूज के पोल्ट्री सेक्शन पर जा सकते हैं.

पोल्ट्री फार्मिंग में वॉटर मैनेजमेंट

  • सर्दियों के मौसम के दौरान पक्षी कम पानी पीते हैं. इसलिए शरीर में पानी की जरूरत पूरी करने के लिए ताजे पानी की लगाताार आपूर्ति जरूरी है जो पक्षी द्वारा लिया जा सकता है.
  • पानी ताजा और साफ होना चाहिए. अगर पानी पर्याप्त ठंडा है तो उसे चिकन में गर्म पानी डालकर देना चाहिए, ताकि पानी सामान्य तापमान पर आ जाए.
  • बर्फ गिरने वाले क्षेत्रों में, सर्दियों के मौसम के दौरान पानी के जमने के कारण पाइप का अवरोध एक बड़ी समस्या है.
  • जब तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है तो पानी की रुकावट से बचने के लिए पाइप लाइन का नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिए.
  • कई टीके/दवा/एंटीस ट्रेस विटामिन पानी के माध्यम से कुक्कुट को दिए जाते हैं. चूंकि सर्दियों के मौसम में पक्षियों की पानी की खपत कम हो जाती है. इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि पानी की दवा से कुछ घंटे पहले पानी निकालने वालों को निकाल दिया जाए.
  • कम मात्रा में दवा दी जाए ताकि पक्षी कुल पानी पी सकें और प्रत्येक पक्षी को दवा/वैक्सीन या अन्य पूरक आहार का लाभ मिल सके.

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