नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर पशुपालकों के लिए खजाने का मुंह खोल दिया है. इस बार ये पिटारा खोला गया है प्रदेश के नंद बाबा दुग्ध मिशन के लिए. इस मिशन का सीधा फायदा यूपी के पशुपालकों को होता है. इस मिशन का ये दूसरा चरण है. दूसरे चरण की खास बात ये है कि इसके तहत लखनऊ में गाय-भैंस के लिए एक खास लैब बनाई जाएगी. इस पर करोड़ों रुपये का खर्च आएगा. वहीं इसका सीधा फायदा प्रदेश के लाखों पशुपालकों को मिलेगा. इसके साथ ही सीएम योगी ने मिशन के तहत पशुपालन और डेयरी सेक्टर से जुड़ी तमाम योजनाओं के लिए भी करोड़ों रुपये जारी करने का ऐलान किया है.
सरकार का दावा है कि उसके इस कदम से साल 2024-25 में 10 हजार गाय पालकों की इनकम में बढ़ोतरी होगी. दूसरी ओर पशुओं के हैल्थ की और दूध की जांच के लिए किट भी बांटी जाएंगी. जानकारों की मानें तो नंद बाबा दुग्ध मिशन का मकसद पशुपालकों की इनकम बढ़ाना, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और देशी गाय की नस्लों में सुधार के साथ बढ़ोतरी करना है. नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत सरकार ने इससे जुड़ी अलग-अलग योजनाओं को सही तरीके से चलाने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 74.21 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है. इससे यूपी के 10 हजार से ज्यादा पशुपालकों को फायदा मिलने की उम्मीद है. इसके चलते उनकी इनकम भी बढ़ेगी.
पशुपालकों के लिए यहां बनेगी खास लैब
जानकारों की मानें तो गाय पालन को बढ़ावा देने और पशुपालन से किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए यूपी के पशुपालकों को भी सेक्स-सॉर्टेड सीमेन का फायदा देने के लिए लखनऊ में एक खास लैब बनाई जाएगी. इस खास लैब का निर्माण अल्ट्रा फ्रोजन सीमेन उत्पादन केंद्र, रहमानखेड़ा लखनऊ में बनाया जाएगा. लैब बनाने में करीब 4.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस लैब के बन जाने के बाद पशुपालकों को गाय से 70 से 80 फीसद बछिया ही मिलेंगी. साथ ही होने वाली बछिया के गुणों का चुनाव भी पहले ही किया जा सकेगा. हाल ही में पीएम नरेन्द्र मोदी ने सेक्स-सॉर्टेड सीमेन के एक डोज की कीमत घटाकर 250 रुपये कर दी है.
5 साल में खर्च होंगे एक हजार करोड़ रुपये
यूपी सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार ने दूध उत्पादकों की इनकम बढ़ाने और देशी गाय की नस्लों में पशुपालकों की रुचि बढ़ाने के लिए बीते साल नंद बाबा दुग्ध मिशन शुरू किया था. इस मिशन के लिए सीएम योगी ने पांच साल में खर्च करने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बजट जारी किया था. सीएम योगी के इस कदम से इस वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना के तहत ढाई हजार से ज्यादा लाभार्थियों को इसका फायदा मिलेगा. इस पहल के लिए करीब 20 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसी तरह, मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालन प्रोत्साहन योजना में 7 हजार से ज्यादा लोग लाभान्वित होंगे. इस पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च होंगे. नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत 90 लाभार्थियों को सहायता दी जाएगी, इस पर 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके साथ ही अतिरिक्त 330 नई डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना का लक्ष्य भी रखा गया है. इसके लिए 7.22 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. पशु स्वास्थ्य और दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए पशुपालकों को 621 जांच किट बांटी जाएंगी. इस पर 25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके साथ ही राज्य में डेयरी संचालकों की क्षमता बढ़ाने के लिए 64 करोड़ रुपये खर्च कर करीब 14 हजार डेयरी किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी. मिशन के तहत साइलेज, घास और टीएमआर बनाने के दी जाने वाली ट्रेनिंग पर 35 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. लोगों को मिशन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने के लिए 60 लाख रुपये खर्च कर नंद बाबा मिल्क मिशन पोर्टल बनाया जाएगा.
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