Home डेयरी Dairy: MP में दूध के टैंकरों पर हर वक्त रखी जाती है नजर, खराब क्वालिटी व चोरी का खतरा हुआ कम
डेयरी

Dairy: MP में दूध के टैंकरों पर हर वक्त रखी जाती है नजर, खराब क्वालिटी व चोरी का खतरा हुआ कम

Milk Production, Dairy News, UP Dairy News, A-Help Scheme, Animal Husbandry, Uttar Pradesh State Rural Livelihood Mission, Yogi Government, CM Yogi, UP CM
Symbolic pic

नई दिल्ली. डेयरी व्यवसाय करने वाले पशुपालकों को और ज्यादा फायदा पहुंचाने और लोगों तक क्वालिटी वाला दूध पहुंचाने के मकसद के तहत मध्य प्रदेश सहकारी डेरी महासंघ द्वारा कई कदम उठाए गए हैं. बताया जा रहा है कि इससे डेयरी किसानों को फायदा हुआ है. इसी क्रम में दूध पहुंचाने वाले टैंकरों में जीपीएस इंस्टाल किया गया है. ताकि टैंकरों की हर एक गतिविध पर नजर रखी जा सके. इस साल इस काम किया गया है. प्रदेश के कई जिलों में 100 से ज्यादा टैंकरों में जीपीएस सिस्टम को इंस्टाल किया गया है और हर एक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.

दुग्ध संघों द्वारा दूध संकलन काम में लगे हुए टैंकरों में दूध के इनलेट-आउटलेट तथा खुद के टैंकरों के फ्यूल टैंकरों में सेंसर लगवाए जा रहे हैं. इससे दूध कलेक्शन व परिवहन कार्य में लगे हुए टैंकरों की परिचालन गतिविधियों की वेब आधारित सॉफ्टवेयर के माध्यम से निगरानी की जा सकेगी. दूध संघ में कंट्रोल रूम निर्मित किए गए हैं, जिनमें प्रशिक्षित स्टाफ तैनात किया गया है जो टैंकरों के परिचालन पर लगातार नजर रखता है. सेंसरों के माध्यम से टैंकरों के इनलेट-आउटलेट तथा फ्यूल टैंक के ढक्कन खुलने के समय की सॉफ्टवेयर में रिकॉर्डिंग की जाती है

भोपाल और इंदौर में बने हैं कंट्रोल रूम
इसी तरह टैंकरों के खड़े होने के स्थान और रुकने की कुल अवधि भी सॉफ्टवेयर में दर्ज की जाती है. इस प्रक्रियाओं पर विभिन्न अधिकारियों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया जाता है. कुछ समय पूर्व तक भोपाल दुग्ध संघ में 70, इंदौर में 32, उज्जैन में 20, ग्वालियर में 8 तथा जबलपुर में 10 टैंकरों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है. वहीं भोपाल तथा इंदौर दुग्ध संघ में कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं, जबकि शेष दुग्ध संघों में कंट्रोल रुम निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है। इन दुग्ध संघों में संयंत्र संचालन शाखा के अन्य कंप्राटरों के माध्यम से टैंकरोंको निगरानी की जा रही है.

मिल रहे हैं ये फायदे
जीपीएस सिस्टम के लगाए जाने से दूध की गुणवत्ता के साथ-साथ टैंकरों से हो रही चोरी तथा मिलावट पर पर भी अंकुश लगाया जा रहा है. टैंकरों की गैर जरूरी रूप से इधर-उधर खड़े होकर समय खराब करने पर रोक लगाई जा रही है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों से डेयरी संयंत्र तक एक निश्चित समयावधि में गुणवत्तापूर्ण दूध की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है. इसके अलावा फ्यूल टैंकों पर सेंसर लगे होने से डीजल की चोरी रोकी जा सकेगी तथा दूध संघों द्वारा प्रति लीटर दुग्ध संकलन व परिवहन को भी नियंत्रित करने में सहयोग प्राप्त होगा.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock
डेयरी

Milk Production: अगली ब्यात में भैंस से ज्यादा दूध लेने के लिए ये काम जरूर करें पशुपालक

ऐसा करने से बच्चेदानी में बल पड़ सकता है, लेकिन इस अवस्था...

PEANUT, MILK, CIPHET, LUDHIANA
डेयरी

Dairy: देश में खपत से ज्यादा है दूध उत्पादन, संसद में मंत्री ने दिया ये जवाब

(FASSI) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के तहत एक ऐसा निकाय है...

mother dairy
डेयरी

Dairy: भारत ऑर्गेनिक्स का आटा और गुड़ बेचेगी मदर डेयरी, 10 हजार से ज्यादा जगहों पर मिलेंगे ये प्रोडक्ट्स

100 फीसदी सर्टिफाईड अनाज से बना 'भारत ऑर्गेनिक्स आटा शुद्धता और ताजगी...

livestock animal news
डेयरी

Milk Production: गाय-भैंस का ठंड में दूध उत्पादन हो जाता है कम, बढ़ाने का क्या है तरीका, जानें यहां

पौष्टिक आहार देने से पशुओं को एक्सट्रा एनर्जी देनी होती है. पशुओं...