नई दिल्ली. डेयरी फार्म में पशु जितना ज्यादा दूध का उत्पादन करता है, डेयरी कारोबारी को उतना ज्यादा फायदा होता है. कभी भी कोई पशुपालक नहीं चाहता कि उसका पशु कम दूध का उत्पादन करे. बल्कि वह यही चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा दूध का उत्पादन मिले, ताकि उसे ज्यादा मुनाफा हो सके. इसके लिए पशु पालक पशुओं को हर तरह के फीड खिलाने की भी कोशिश करते हैं. ताकि दूध उत्पादन बढ़ सके. 12 लीटर दूध का उत्पादन बढ़ाने के तमाम तरीकों को भी अपनाते हैं. हालांकि कितना चारा खिलाना इसका सही तरीका मालूम होना भी बेहद जरूरी है.
डेयरी एक्सपर्ट कहते हैं कि पशु जितना दूध उत्पादन करता है, उसके हिसाब से फीड का फार्मूला तय करना चाहिए. यदि पशु 12 लीटर दूध दे रहा है तो उसे उस हिसाब से पशुओं को फीड देना चाहिए. ताकि उसकी तमाम जरूरतें पूरी हो जाएं और वह बेहतर तरह से उत्पादन करता रहे. पशुओं से तभी उसकी क्षमता के मुताबिक दूध लिया जा सकता है, जब उसे भरपूर मात्रा में फीड दिया जाए जाता है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अगर हमारी भैंस 12 लीटर दूध दे रही है तो उसका फीड फॉर्मूला क्या होगा.
फीड में क्या-क्या खिलाएं पढ़े यहां
अगर आपकी भैंस सुबह 6 लीटर और शाम को 6 लीटर दूध उत्पादन कर रही है तो उसे क्या खिलाना चाहिए ये जानना पशुओं के लिए सबसे जरूरी है. एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक पशुओं को तीन तरह का भोजन दिया जाता है. जिसमें सूखा चारा, हरा चारा और फीड होता है. जिसे कई किसान बांटा भी कहते हैं. अगर भैंस 12 लीटर दूध दे रही हो तो उसे 6 किलो फीड दिया जाता है. इस फीड में 2 किलो सरसों या कपास की खली भी मिलानी चाहिए. तीन किलो गेहूं, जौ मक्के का दलिया और एक किलो चने की चूरी खिलाने से पशुओं को उनकी भरपूर खुराक मिल जाएगी.
ये खिलाएं कम नहीं होगा दूध उत्पादन
एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक इसके अलावा पशुओं को 10 किलो सूखा चारा और 20 किलो हरा चारा खिलाना चाहिए. फीड के अंदर 100 ग्राम कैल्शियम, 100 ग्राम मिनरल मिक्सचर, सरसों का तेल और गुड़ नियमित रूप से पशुओं को खिलाना चाहिए. एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक इस फार्मूले से बने आहार को आधा सुबह और आधा शाम में खिलाना चाहिए और दिन में पशुओं को पूरी तरह से जुगाली करने का समय देना चाहिए. इस तरह से भैंस का दूध उत्पादन कभी भी कम नहीं होगा और हो सकता है कि वह ज्यादा उत्पादन करने लगे.
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