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Poultry Farming: मुर्गियों में कब करना चाहिए डीवॉर्मिंग, क्या है इसका सही तरीका ये भी जानें यहां

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग में मुर्गियों को बीमारियों से बचाना पड़ता है. अगर ऐसा न किया जाए तो मुर्गियों का उत्पादन तो घटेगा ही, साथ ही मुर्गियों में मृत्युदर होने के कारण पोल्ट्री फार्मिंग में बड़ा नुकसान हो जाएगा. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि मुर्गियों को डीवॉर्मिंग करना बेहद ही जरूरी होता है. इसके लिए दवाओं की भी जरूरत होती है. जिससे मुर्गियों को बीमारियों से बचाया जाता है. दरअसल, मुर्गियों आहार और गंदे पानी के साथ जमीन की मिट्टी भी खा जाती हैं. मिट्टी में कृमि (गेन्डरूक या पटार) के अंडे रहते हैं. आहार और गंदे पानी के साथ कृमि (एक तरह के कीड़े) के अंडे मुर्गियों की बॉडी में चले जाते हैं.

पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली कहते हैं कि ये कीड़े के अंडे मुर्गियों के शरीर में जाकर पेट में पहुंच कर मुर्गियों में नये कीड़े पैदा करते हैं. मुर्गियों के पेट में कृमि या कीड़े तैयार होने पर वह मुर्गियों की आंतो में पहुंचकर आंतों से मुर्गियों का खून चूसना शुरू कर देते हैं. इस तरह मुर्गी जो आहार खाती हैं, वह कीड़े के द्वारा चूस लिया जाता है. इस तरह कीड़े के द्वारा आहार का एक बड़ा हिस्सा उपयोग में लेने के कारण मुर्गी बीमार हो जाती है. इसके चलते मुर्गियां अंडे देना बंद कर देती हैं और कमजोरी के कारण दूसरी बीमारियों से प्रभावित हो जाती हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि मुर्गियों में कीड़ों का रोकना और उपचार बेहद जरूरी होता है. इस उपचार में कीड़ों का नियंत्रण करना जरूरी होता है. जिसके लिए मुर्गियों को हर महीने में एक बार डीवॉर्मिंग की दवा देना जरूरी होता है.

क्या-क्या करना चाहिए, जानें यहां

  1. मुर्गियों को हर महीने डीवॉर्मिंग पिपराजीन दवा देना चाहिए.
  2. हर महीने एक तय तारीख पर इसे कर लेना चाहिए.
  3. मुर्गियों की संख्या के मुताबिक दवा की खुराक तय कर लेना चाहिए.
  4. डीवॉर्मिंग दवा देने के कम से कम 4 घंटे पहले से मुर्गियों को दाना-पानी नहीं देना चाहिए जिससे मुर्गियों का पेट खाली रहे तथा वह प्यासी रहें.
  5. डीवॉर्मिंग दवा हमेशा सुबह के वक्त ही करनी चाहिए.
  6. डीवॉर्मिंग दवा इतने पानी में ही देना चाहिए कि जितना मुर्गियां पूरी तरह पी जायें.
  7. जिस दिन डीवॉर्मिंग दवाएं मुर्गियों को दी जाएं, उसके दूसरे दिन सुबह मुर्गी घर का बिछौना (लीटर) अच्छी तरह उलट-पुलट देना चाहिए. जिससे मुर्गियों के पेट से निकली कृमि लिटर में दबकर मर जायें और मुर्गियां कीड़े दोबारा न खा सकें.
  8. डीवॉर्मिंग दवाओं के देने के बाद मुर्गियों को पानी में विटामिन वालली दवाएं देनी चाहिए.
  9. इस तरह कृमियों पर नियंत्रण कर मुर्गियों से पूरा-पूरा लाभ प्राप्त किया जा सकता है.

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